धूमधाम से निकाली भगवान चंद्रप्रभ की रथयात्रा
बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर के चल रहे वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं ने भगवान चंद्रप्रभ की बैंडबाजों के साथ रथयात्रा निकाली।
संवाद सूत्र, बिनौली (बागपत): बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर के चल रहे वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं ने भगवान चंद्रप्रभ की बैंडबाजों के साथ रथयात्रा निकाली। वेदी प्रतिष्ठा स्थल पर भगवान का महा मस्तकाभिषेक किया गया।
विधानचार्य पंडित जयकुमार जैन निशांत के निर्देशन में सुबह नित्य नियम पूजा, शांतिधारा के बाद मंत्रोच्चारण के साथ विधान की क्रियाएं हुई। इसके बाद राष्ट्र संत आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति चरित्र और आचरण पर आधारित है, जबकि पाश्चात्य संस्कृति भौतिकता व विलासिता से जानी जाती है। संसार में हमारी पहचान आध्यात्मिक संस्कृति सभ्यता से है।
उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हर कोई चिताग्रस्त है। चिता चिता के समान है। चिता संसार के सत्य का ज्ञान कराती है। मृत्यु जीवन का वास्तविक सत्य है। उन्होंने कहा कि चिता जीवित मनुष्य को जलाती है, जबकि चिता निर्जीव को जलाती है। माता-पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दें। इसके बाद मंदिर परिसर से भगवान चंद्रप्रभ की बैंडबाजों के साथ रथयात्रा निकली गई।
रथयात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर बस स्टैंड, बड़ौत-मेरठ रोड से होती हुई पांडुक शिला स्थल पर समाप्त हुई, जहां भगवान का महामस्तकाभिषेक किया गया। पंकज जैन के संचालन में हुए कार्यक्रम में सीओ रामानंद कुशवाहा, पंडित धनराज जैन, बबली जैन, योगेश जैन, विमल जैन, रमेश विश्वकर्मा, गौतमचंद, श्रीपाल धामा, नीरज जैन, प्रवीण जैन, नरेंद्र जैन, मोतीराम जैन, प्रवक्ता सुनील जैन, राजेश जैन आदि मौजूद रहे।