10 मिनट की ओलावृष्टि से किसानों को झटका
सुबह 10 मिनट की ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
बागपत, जेएनएन। सुबह 10 मिनट की ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। आलू, सरसों, गेहूं संग गन्ना फसल प्रभावित हुई हैं। ओलों की चादर सी बिछ गई।
बिना बारिश के अचानक ओलावृष्टि होने लगी। एक से दो इंच मोटे ओले जमीन पर गिरने लगे। शुरुआत की पांच मिनट खूब ओले पड़े, जबकि बाकी की पांच में कुछ देर रुक रुककर। रटौल के किसान राजेश शर्मा, हबीब खान का कहना था कि ओलावृष्टि, बारिश से सरसों व आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश से सब्जियों की फसलों को अधिक नुकसान हुआ है। गोभी की फसल भी प्रभावित हुई है।
उधर, किसान प्रमोद ने बताया कि ओलावृष्टि से गेहूं के साथ गन्ना फसल में भी नुकसान हुआ है। कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप चौधरी ने बताया कि बारिश से फसलों को इतना नुकसान नहीं होता जितना ओलावृष्टि से होगा। ओले की मार से जो फसल जमीन पर गिर चुकी है, वह किसी भी कीमत पर पैदावार नहीं दे सकती है। कहीं आफत तो कहीं राहत लेकर आई बारिश
अब बारिश के बीच जगह-जगह हुई ओलावृष्टि ने सर्दी के प्रकोप को बढ़ा दिया।
शहरी क्षेत्र में सड़कों पर कीचड़ पसरने से आवागमन में परेशानी हुई और देहात में गलियों और क्रय केंद्रों पर जलभराव की समस्या पेश आई। दोपहिया वाहन चालक सड़क पर फिसलकर चोटिल हुए। वहीं चौगामा क्षेत्र में मार्गों के किनारे कीचड़ राहगीरों के लिए मुसीबत बन गया। क्षेत्र के दोघट-टीकरी मार्ग, दाहा-निरपुड़ा मार्ग, इदरीशपुर-बामनौली मार्ग, दोघट-निरपुड़ा मार्ग, भड़ल-निरपुड़ा मार्ग, दाहा-फौलादनगर आदि मार्गों पर बने गड्ढ़ों में जल भराव एवं कीचड़ पसर गया।