डाकू छविराम को मुठभेड़ में मारने वाले दादा का पोता सेना में अफसर बना
बामनौली के लाल ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अपने स्व. दादा का सपना साकार कर गांव का नाम भी ऊंचा कर दिखाया है। बामनौली गांव में जश्न का माहौल बना है
बागपत, जेएनएन। बामनौली के लाल ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अपने स्व. दादा का सपना साकार कर गांव का नाम भी ऊंचा कर दिखाया है। बामनौली गांव में जश्न का माहौल बना है।
बामनौली निवासी यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी रहे स्व. ब्रज भूषण चौधरी ने चंबल के डाकू छविराम को मुठभेड़ में मार गिराया था। इस पर उनकी वीरता पर उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया था। अब उनके पोते ने यशवर्धन ने सेना में अफसर बनकर उनका व गांव का नाम रोशन किया है। यशवर्धन चौधरी ने फोन पर बताया कि वे मेरठ के शास्त्री नगर में रहते हैं। उनके पिता अजित चौधरी खेती करते हैं। बड़ा भाई राजवर्धन चौधरी पढ़ाई कर रहा है, जबकि चाचा अमरजीत चौधरी देहरादून में लैफ्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं। उनके दादा ब्रजभूषण चौधरी यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी थे। उन्होंने चंबल के डाकू छविराम को मुठभेड़ में मार गिराया था। दादा का सपना था कि उनके बेटे व पोते सेना में उच्चस्थ पदों पर रहकर देश की सेवा करें। यशवर्धन ने 12वीं तक की पढ़ाई मेरठ पब्लिक स्कूल में की। उसके बाद अपनी मेहनत और लगन के आधार पर एनडीए में सलेक्शन हुआ। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद शनिवार को यशवर्धन ने देहरादून में पासिग आउट परेड के बाद अपने दादा का सपना पूरा कर दिखाया। गांव में रिश्ते में यशवर्धन के दादा हेमंत एडवोकेट के घर मिठाई बांटी गई। इस मौके पर नरेश डायरेक्टर, रामकुमार, देवेंद्र आदि मौजूद रहे।