चर्मशोधन करने वालों को हटाने के लिए चाहिए पुलिस
जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत) : जांच अधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बावजूद अफसर भड़ल गांव से
जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत) : जांच अधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बावजूद अफसर भड़ल गांव से चर्म शोधन कार्य को गांव से बाहर कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते गांव में चर्म शोधन का कार्य होने से लोगों में भारी आक्रोश है और धरना देने को मजबूर हैं। गंदगी से परेशान लोग जल्द ही कुछ भी निर्णय ले सकते हैं।
भड़ल गांव में चर्म शोधन करने के मामले में जांच अधिकारी ने तहसीलदार को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें उन्होंने कहा कि चर्म शोधन करने वाले परिवारों को गांव से हटाने से लिए भारी संख्या में पुलिस बल और अधिकारियों की मौजूदगी आवश्यक है, लेकिन उसके बावजूद प्रशासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और आक्रोशित लोग धरना देने को मजबूर हैं। इसलिए इस कार्य को गांव से बाहर कराया जाना चाहिए। इससे लोगों में बीमारी भी फैल रही है। आला-अफसरों ने इस मामले की जांच कराई तो जांच पांच सितंबर को जांच अधिकारी ने तहसीलदार को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि कई बार चर्म शोधन करने वालों को समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन यह लोग गांव में ही चर्म शोधन का काम कर रहे हैं। इससे गांव में बहुत गंदगी फैली हुई है, जिसके चलते लोगों में आक्रोश है।
नहीं उठेंगे, नहीं उठेंगे नहीं उठेंगे
बड़ौत : भड़ल में चल रही चर्मशोधन इकाइयों को गांव से बाहर कराने को लेकर चल रहा धरना छठे दिन भी जारी रहा। लोगों का आरोप है कि कई सालों से इस मामले की अधिकारियों से शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन गांव के बीच से चर्मशोधन इकाइयां बाहर नहीं कराई गई है, जबकि इससे गांव में बीमारी फैल रही है। चर्मशोधन इकाइयों में इस्तेमाल किये जाने वाले कैमिकल पानी के साथ बहकर गलियों में बदबू फैला रहा है। इस संबंध में तहसील, जिला, मंडल स्तर से लेकर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय तक में भेज चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इस मौके पर प्रधान देवेंद्र राणा, जितेंद्र राणा, डा. यशपाल, निश्चय राणा निरपुड़ा, राजेंद्र चौधरी, प्रेमपाल, केशपाल, विनोद, अनुज, सतवीर, योगेंद्र, रमेश, काला आदि मौजूद रहे।