वादे से मुकरे अधिकारी, अधर में तालाब की सफाई
हिलवाड़ी में आबादी के बीच तालाब में सफाई का काम शुरू होने के दो दिन बाद ही रोक दिया गया। गंदगी के कारण लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है। जलभराव के कारण भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बागपत, जेएनएन। हिलवाड़ी में आबादी के बीच तालाब में सफाई का काम शुरू होने के दो दिन बाद ही रोक दिया गया। गंदगी के कारण लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है। जलभराव के कारण भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों ने तालाब किनारे एक युवक का आमरण अनशन इस वादे पर समाप्त कराया था कि तालाब की सफाई शुरू कर दी गई है और पूरा तालाब साफ होने के बाद ही काम बंद कराया जाएगा।
हिलवाड़ी गांव के तालाब की सफाई कराने के लिए अंकुश तोमर ने 20 सितंबर को तालाब किनारे ही आमरण अनशन शुरू किया था। 20 सितंबर को नायब तहसीलदार और बीडीओ आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे। इस दौरान गांव के लोग भी आ गए और अंकुश को बीडीओ ने लिखित में आश्वासन दिया कि प्रधान और सचिव के माध्यम से जेसीबी से तालाब की सफाई शुरू करा दी गई है। तालाब सफाई होने तक काम जारी रहेगा, इस आश्वासन पर आमरण अनशन समाप्त कराया था, लेकिन तालाब की सफाई का काम दो दिन होने के बाद बीच में ही रोक दिया गया। अंकुश ने बताया कि तालाब की सफाई के नाम पर घास आदि ही हटाया गया है, जिसमें एक लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आया है। वादे के मुताबिक तालाब की सफाई होनी चाहिए, अन्यथा आमरण अनशन शुरू करने पर विचार किया जाएगा। बीडीओ राहुल वर्मा ने बताया कि तालाब की सफाई कराने के लिए ठेकेदार को ठेका दिया था, लेकिन एक लाख रुपए का काम होने के बाद ठेकेदार ने भुगतान के अभाव में काम रोक दिया। ऐसा डिजिटल हस्ताक्षर की वजह से भुगतान नहीं हो रहा है इसलिए तालाब की सफाई का काम रुका है।