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ठांय-ठांय: पुलिस रिकार्ड में दर्ज मुन्ना बजरंगी की हत्या की कहानी

बहस बढ़ी तो बजरंगी धनंजय सिंह को गाली देते हुए कुछ कहने लगा, तो राठी बोला कि तुमने उन्हें गाली क्यों दी? ये लो गाली का बदला और ठांय-ठांय।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 09:46 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 09:14 AM (IST)
ठांय-ठांय: पुलिस रिकार्ड में दर्ज मुन्ना बजरंगी की हत्या की कहानी
ठांय-ठांय: पुलिस रिकार्ड में दर्ज मुन्ना बजरंगी की हत्या की कहानी

लखनऊ (जेएनएन)। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का सच क्या है? क्या यह कोई बड़ी साजिश है या सामान्य हत्याकांड? अभी इस सबसे पर्दा नहीं हट पाया है। कत्ल के पीछे की कई कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं। पुलिस जांच में जो बयान दर्ज हैं, अभी उसी पर जांच चल रही है।

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पुलिस रिकार्ड में दर्ज कहानी 

तारीख आठ जुलाई। समय रात नौ बजे। सुनसान जंगल और बागपत जेल। तभी घुप अंधेरे को चीरते हुए एंबुलेंस समेत कई गाडिय़ों का काफिला जेल के मेन गेट पर झटके से रुकता है। एंबुलेंस से मुन्ना बजरंगी उतरता है। जेल के अंदर तन्हाई बैरक में उसे कुख्यात विक्की सुन्हैड़ा मिला। मुन्ना बजरंगी ने सवाल दागा कि सुनील भाई कहां है? विक्की बजरंगी को दूसरी तन्हाई बैरक में ले गया। बजरंगी ने सुनील को देखा और मुस्कुराया। दोनों ने एक दूजे का हाल-चाल पूछा और काफी देर बातें हुई। फिर सुनील राठी बोला कि सफर करके आए हो, थक गए होगे...जाओ भाई! अब आराम करो, सुबह मुलाकात होगी। मुन्ना बजरंगी अपनी बैरक में लौटने के बाद काफी देर अजीब बेचैनी में चहलकदमी करता रहा। सुबह पांच बजे जागते ही मुन्ना बजरंगी टॉयलेट जाता है, लेकिन वहां पहले से विक्की है। आवाज सुनकर विक्की टायलेट से बाहर आया और बजरंगी से कहा कि पहले आप टायलेट जाओ। हम तो बाद में चले जाएंगे। फ्रेश होने के बाद जैसे ही बजरंगी बाहर आता है, वैसे ही सुनील राठी से सामना होता है। दोनों बैठ जाते हैं। बजरंगी बोलता है-राठी!...तुम्हारा वजन बढ़ गया है। पेट बाहर निकला है। कुछ करते क्यों नहीं। फिर राठी और बजरंगी उठते हैं। बजरंगी जमीन पर बैठकर राठी को पद्मासन सिखाता है। कहता है बढ़ते पेट के लिए बड़ा फायदे का योग है। वापस चाय की चुस्कियों के बीच हंसी-मजाक होने लगा। बताते हैं सुपारी लेने को लेकर दोनों में विवाद हुआ। दोनों एक-दूसरे पर अपनी हत्या की सुपारी लेने का आरोप लगाने लगे। बहस बढ़ी तो बजरंगी धनंजय सिंह को गाली देते हुए कुछ कहने लगा, तो राठी बोला कि तुमने उन्हें गाली क्यों दी? ये लो गाली का बदला और ठांय-ठांय। 


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