पुलिस ने बालू माफिया पर कसा शिकंजा, 24 पर मुकदमा, 13 गिरफ्तार
यूपी-हरियाणा सीमा स्थित खेड़ी प्रधान गांव में बालू का अवैध खनन करने वाले माफिया खनन करते हैं।
बागपत, जेएनएन। यूपी-हरियाणा सीमा स्थित खेड़ी प्रधान गांव में बालू का अवैध खनन करने वाले माफिया पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। पुलिस ने दावा किया है कि मौके पर 24 लोग खनन का काम कर रहे थे, जो छह राज्यों के रहने वाले हैं। मुकदमा दर्ज कर इनमें से 13 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपितों में से एक स्वयं को हरियाणा के एक जनप्रतिनिधि का रिश्तेदार बता रहा था। बता दें कि शनिवार को एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र और सीओ आलोक सिंह ने छापा मारकर व्यापक स्तर पर खेड़ी प्रधान गांव के यमुना खादर में बालू का खनन पकड़ा था।
ये 13 आरोपित हुए गिरफ्तार
इंस्पेक्टर ने बताया कि सुनील, राजेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा, आस मोहम्मद, साहून खान, बाबी कुमार, अनिल कुमार, लवलेश कुमार, असलम, संदीप, महेश सैनी, मुकेश और अजय को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। सुनील स्वयं को हरियाणा के एक जनप्रतिनिधि की बुआ का बेटा बता रहा था। मुकदमे का हिस्सा मौके से पकड़ी गई नौ पार्केलेन मशीन, एक जेसीबी, छह डंपर, एक ट्राला, 3.74 लाख रुपए और एक क्रेटा कार बनी है।
बड़े स्तर पर हुई कार्रवाई, छह राज्यों के लोग फंसे
इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा ने बताया कि नरेंद्र शर्मा पुत्र धर्मपाल शर्मा निवासी रोहिणी (दिल्ली) राजेश शर्मा पुत्र ईश्वर शर्मा, निवासी मुंडका (दिल्ली) सुनील वरिष्ठ पुत्र अमर सिंह निवासी पानीपत (हरियाणा) आस मोहम्मद पुत्र सूबे खान निवासी अलवर (राजस्थान), साहून पुत्र जम्मल खान निवासी भरतपुर (राजस्थान) बाबी कुमार पुत्र बरखूराम निवासी, पठानकोट (पंजाब), अनिल पुत्र रामप्रकाश निवासी ऊना (हिमाचल प्रदेश), लवकेश कुमार पुत्र रमेश चंद निवासी बांदा (उत्तर प्रदेश), असलम पुत्र उमरद्दीन निवासी अलवर (राजस्थान) संदीप कुमार पुत्र कमलचंद निवासी सनावल खन्ना (पंजाब), महेश सैनी पुत्र नागेश्वर सैनी निवासी मधुबनी (बिहार), मुकेश पुत्र बनारसी निवासी मुरथल (हरियाणा), अजय पुत्र गिरिराज कश्यप निवासी खेड़ा हटाना, बागपत के अलावा संजय, प्रमोद, धर्मपाल, जगरूप, स्वदेष, प्रदीप, आनंद, अनिल गंभीर, चमन त्यागी, चाचा और जयवीर शर्मा निवासी डीएसपी एसोसिएट, पानीपत (हरियाणा) के खिलाफ आपराधिक कानून अधिनियम, खान एवं खनिज अधिनियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1980 के साथ-साथ 15 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।