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नेशनल हाईवे पर जाम से यात्री हलकान

दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर गड्ढों के कारण आए दिन जाम लगने से हजारों को परेशानी हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 09:00 PM (IST)
नेशनल हाईवे पर जाम से यात्री हलकान
नेशनल हाईवे पर जाम से यात्री हलकान

बागपत, जेएनएन। दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर गड्ढों के कारण आए दिन जाम लगने से हजारों राहगीरों को परेशानी होती है। पुलिस जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करती है, लेकिन कोई निदान नहीं हो पा रहा है। जाम राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।

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किसान आंदोलन में सिघू बार्डर जाम होना दिनोंदिन राहगीरों की परेशानी को बढ़ा रहा है। बार्डर के जाम नहीं होने से रोजाना हजारों वाहन पंजाब व हरियाणा से सीधे दिल्ली में एंट्री करते थे, लेकिन अब उन्हें कई किलोमीटर दूर से होकर जाना पड़ रहा है। हरियाणा व पंजाब आवागमन कर रहे वाहनों के कारण दिल्ली-यमुनोत्री एनएच पर ट्रैफिक बढ़ने से परेशानी हो रही है। अब दो माह से एनएच पर गड्ढे होने से पाठशाला चौराहा पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे वाहनों में सवार हजारों राहगीर परेशान होती है। जाम लगना कोई एक दिन की बात नहीं है, यहां रोजाना ही यह परेशानी बनी रहती है। जाम खुलवाने के लिए पुलिस को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन निर्माण विभाग पर राहगीरों और अन्य परेशानी के निदान के लिए कोई समय नहीं है। गड्ढों को भर दिया जाए तो काफी हद तक जाम की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी। संबंध में एसडीएम अजय कुमार का कहना है कि कई बार संबंधित अधिकारियों को पत्र भेज चुके हैं। जल्द समस्या का निदान होगा। आटो बंद होने से बेरोजगार हुए चालक

बड़ौत-छपरौली डग्गामारी पर पुलिस के शिकंजा कसने से बेरोजगार हुए थ्री व्हीलर चालकों ने तहसील में प्रदर्शन किया और डीएम को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपकर वाहन चलाने की अनुमति देने की मांग की।

गुरुवार को तहसील पहुंचे चालकों ने बताया कि वह 10 सालों से बड़ौत से नंगला तक आटो में सवारियों को ढो रहे हैं। इसी से उनके परिवार की रोजी-रोटी चलती है। अब पुलिस ने उनके आटो का संचालन बंद करा दिया है। इसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। रोजगार का अन्य कोई साधन न होने के कारण परिवार के भूखों मरने की नौबत आ गई है। चेतावनी दी यदि उन्हें वाहन संचालन की बंद करा दिए है, इससे वे बेरोजगार हो गए है। अब उनके सामने दो वक्त को रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे चालकों को उबारने के लिए उनके थ्री व्हीलर चलाये जाने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा मार्ग पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचने भी संकट का सामना करना पड़ रहा है।


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