पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के किसान नेताओं ने बागपत में संभाला मोर्चा
किसान आंदोलन को तेज करने के लिए पंजाब हरियाणा और उत्तराखंड के किसान ने मोर्चा संभाल लिया।
बागपत, जेएनएन। किसान आंदोलन को तेज करने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के किसान नेताओं ने बागपत में मोर्चा संभाल लिया है। गांव काठा में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर नेताओं ने कहा कि बागपत की धरती क्रांतिकारी है तथा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली। जरूरी है कि यहां के किसान अपना काम छोड़ किसान आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लें। दिल्ली में प्रवेश करने वाले रास्तों को किसानों ने बंद कर दिया है। सिर्फ दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे ही चल रहा है। इसको भी बंद करने की जरूरत है।
भारतीय किसान यूनियन (अन्नदाता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुमुख सिंह व्रिक पंजाब, किसान मंच के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भोपाल सिंह, हरियाणा के किसान नेता सुखदेव सिंह व्रिक के अलावा उत्तर प्रदेश के लखनऊ से किसान नेता राकेश चौहान सिंह, गोंडा जनपद के किसान नेता महेश सिंह ने बागपत के किसानों के साथ मिलकर धरना शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश की 67 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। केंद्र सरकार द्वारा बताए गए तीनों कानून खत्म नहीं हुए, तो देश की हालत बहुत खराब हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक तीनों कानून वापिस नहीं लिए जाते, तब तक धरना जारी रहेगा। किसानों की खामोशी को कमजोरी न समझें पुलिस
धरने में हिस्सा और ऐलान करने पर युवक को हिरासत में लेने पर किसान पुलिस पर भड़क गए। उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा कि किसानों की खामोशी को कमजोरी न समझा जाए। आज किसान अपने हक के लिए सड़क पर है, इसके लिए न मुकदमों से डरते है और न ही गोली से। बेवजह किसानों को परेशान न किया जाए। ये हुए धरने में शामिल
धरने में किसान नेता सुनील भैड्डा, व अमित बंदपुर, राममेहर सिंह सांकरौद, रवि, गजेंद्र, हरपाल काठा, चौधरी रामअवतार सिंह, मवीकलां, अवध प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। ग्रामीण कर रहे किसानों का सहयोग
काठा गांव के लोग धरना दे रहे किसानों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। धरने के थोड़ी देर बाद ही खाना बनाने का सामान मुहैय्या करा दिया गया।