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सूखे कंठों की आस, योगीजी शुद्धजल से बुझवा दें प्यास

बागपत : जिले के लाखों बा¨शदों को उम्मीद है कि सीएम योगी आदित्यनाथ रमाला में दशकों पुरानी प

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 11:07 PM (IST)
सूखे कंठों की आस, योगीजी शुद्धजल से बुझवा दें प्यास
सूखे कंठों की आस, योगीजी शुद्धजल से बुझवा दें प्यास

बागपत : जिले के लाखों बा¨शदों को उम्मीद है कि सीएम योगी आदित्यनाथ रमाला में दशकों पुरानी पेयजल समस्या और रेगिस्तान में तब्दील होती बागपत की धरती में उम्मीदों का दीया जला जाएंगे। ¨हडन और कृष्णा नदियों के प्रदूषित पानी से दोनों नदियों के किनारे बसे 53 गांवों का भूगर्भ जल प्रदूषित हो चुका है। एनजीटी के आदेश पर सरकारी तंत्र ने पेयजल की जांच कराकर 1250 इंडिया मार्का हैंडपंपों को उखड़वा दिया तथा बाकी हजारों हैंडपंपों पर लाल रंग लगाकर सील कर दिया, ताकि उनका पानी पीकर लोग बीमारियों की चपेट में आकर दम तोड़ने से बचें। अब पेयजल मुहैया कराने की बारी है। सरकारी तंत्र नाकाम है, इसीलिए योगी से आस है, कि वह पेयजल से प्यास बुझाने का इंतजाम करवा सकें।

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जिले के बाकी गांवों के हैंडपंपों का पानी भी जांच में प्रदूषित निकल चुका है। लिहाजा लोगों को उम्मीद है सीएम रमाला में प्रदूषित पानी की मार से लोगों को बचाने को बड़ा पैकेज देने का एलान कर सकते हैं। ¨हडन और कृष्ण नदी को निर्मल बनाने को शासन में लंबित दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव को अमल में लाने का एलान सीएम कर सकते हैं।

इससे भी बड़ी समस्या बागपत में गिरता भूजल स्तर है। वर्ष 2011 से बागपत के सभी छह ब्लाकों के 282 गांव डार्क जोन में शामिल हैं। डार्क जोन की वजह से किसानों को ¨सचाई के लिए बिजली के कनेक्शन तक नहीं मिल रहे हैं। किसानों को उम्मीद है कि सीएम रमाला में नदियों की सफाई, गिरते भूजल स्तर रोकने, तालाबों की सफाई और प्रदूषित पेयजल से मुक्ति दिलाने को बड़ा एलान कर सकते हैं।


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