यहां मारा नहीं जा सका गंदगी का रावण
जागरण संवाददाता, बागपत : गंदगी का रावण तो पुतला दहन के बाद भी नहीं जला। बागपत नगर में जिस स्
जागरण संवाददाता, बागपत : गंदगी का रावण तो पुतला दहन के बाद भी नहीं जला। बागपत नगर में जिस स्थान पर धूम-धड़ाके से दशहरा पर्व मनाया गया, वहां शनिवार को बेशुमार गंदगी पसरी मिली। न नगर पालिका परिषद ने सफाई करना जरूरी समझा और न रामलीला कमेटी ने सुध ली। दरअसल, बागपत नगर में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे किनारे खाली पड़े मैदान में रावण समेत कई राक्षसों के पुतला दहन के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से मेला लगा।
हजारों श्रद्धालुओं ने भोजन कर पत्तल और पानी की खाली बोतल, चाय पीने के बाद कागज के कप इधर-उधर फेंकने से वहां गंदगी का अंबार लगा है। पुतलों को जलाने के बाद उनके अवशेष भी वहीं पड़े हैं। इससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। गंदगी के कारण बीमारी फैल सकती है। सफाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। बावजूद इसके नगर निकाय ने सफाई नहीं कराई।
मंचों पर स्वच्छता को लेकर लच्छेदार भाषण देकर सरकार में अपने नंबर बनाने वाले अफसरान ने भी यह देखना मुनासिब नहीं समझा कि जिन स्थानों पर मेले लगे और पुतले जलाए गए, वहां सफाई हुई या नहीं? नगर पालिका परिषद के सफाई प्रभारी महेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिस स्थान पर दशहरा मेला लगा, वह पास के पाली गांव के एरिया में आता है। अब हम नगर पालिका परिषद के सफाई कर्मियों को लगाकर सफाई करवा देंगे।
यमुना से आंख फेरे है तंत्र
गत दिवस नवरात्र संपन्न होने बाद हजारों श्रद्धालुओं ने बागपत, निवाड़ा पुल के पास, छपरौली, काठा, पाली, मवीकलां समेत तमाम स्थानों पर यमुना में सांझी तथा मूर्तियां विसर्जित की। इस दौरान हवन सामग्री, फूल मालाएं तथा प्रयुक्त की गई यमुना किनारे ही पड़ी रही। किसी ने भी वहां सफाई कराना जरूरी नहीं समझा।