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पलड़ी गांव के पलड़े में भरी इल्म की फसल

जहीर हसन, बागपत : निरक्षरता का अंधेरा तेजी से छंट रहा है। शहरों से मुकाबले में गांव

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 09:16 PM (IST)
पलड़ी गांव के पलड़े में भरी इल्म की फसल

जहीर हसन, बागपत :

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निरक्षरता का अंधेरा तेजी से छंट रहा है। शहरों से मुकाबले में गांव भी पीछे नहीं। पर, सांसद आदर्श ग्राम पलड़ी तो मिसाल बन गया है। इस गांव ने तो अज्ञानता की बुनियाद ही ढहा डाली है। जनपद में सारक्षरता का दायरा 84 फीसद को नहीं लांघ पाया है, वहीं पलड़ी अपने 100 फीसद बा¨शदों को साक्षर बनाकर इतरा रहा है। यहां के ग्रामीण सिर ऊंचा कर शान से दावा कर रहे हैं कि उनके गांव में कोई अंगूठाछाप नहीं। पलड़ी ने अक्षरज्ञान ही नहीं बल्कि स्वरोजगार में भी मिसाल कायम की है। महिला सशक्तीकरण तथा गरीबी उन्मूलन को पलड़ी अंजाम तक पहुंचाने में जुटा है, लेकिन यह सब कुछ साक्षरता के बलबूते ही संभव हुआ है।

इस तरह आया बदलाव

पीएम मोदी के बागडोर संभालते ही सांसद आदर्श गांव योजना लागू हुई। बागपत के सांसद डा. सत्यपाल ¨सह ने साल 2014 में बिनौली ब्लाक के पलड़ी गांव को गोद लेकर विकास शुरू कराया। शिक्षा विभाग ने साक्षर भारत मिशन से सर्वे कराकर गांव में निरक्षर 670 महिला-पुरुष को चिन्हित किया। उन्हें साक्षर बनाने के लिए शिक्षा केंद्र खोला गया।

चार साल में पूरा गांव साक्षर

सांसद डा. सत्यपाल ¨सह की पैनी नजर रखने के चलते अफसरों ने मामला गंभीरता से लिया और निरक्षरों को साक्षर बनाने का काम शुरू कराया। पहले साल ज्यादा निरक्षरों ने साक्षर बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। सांसद समेत अफसरों ने लगातार दौरे कर गांव वासियों को प्रेरित किया। इसका सुखद परिणाम आया, क्योंकि चार साल में सौ फीसद ग्रामीण साक्षर हो गए।

साक्षरता से स्वावलंबन

यहां के बा¨शदों ने अंगूठा छाप होने का कलंक ही नहीं धोया है बल्कि स्वरोजगार साक्षरता में सफलता की कहानी गढ़ रहे हैं। गांव में 300 महिलाएं स्वयं सहायता समूह गठित कर स्वरोजगार से गरीबी उन्मूलन में जुटी हैं। महिला सशक्तीकरण की इससे बेहतर मिसाल और क्या होगी कि उक्त महिलाओं के पास एक करोड़ की पूंजी है।

कुछ अलग हटकर गांव

इल्म के दम पर पलड़ी के करीब 800 बा¨शदे विभिन्न राज्यों में सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरी में हैं। कई ग्रामीण बड़े पदों पर कार्यरत हैं। इंटर कालेज तबा दो प्राथमिक स्कूल हैं। 218 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बने हैं। 74 सोलर लाइटों से पूरा गांव रोशन होता है। बैंक तथा सहकारी समिति, स्वास्थ्य उप केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्र हैं।

एक नजर में पलड़ी

-586 परिवार हैं गांव में।

-कुल आबादी 3313 है।

-गांव में हैं 1729 पुरुष।

-महिला संख्या 1584 है।

-बीपीएल परिवार मात्र दो।

इन्होंने कहा..

सांसद आदर्श गांव घोषित होने के बाद पलड़ी में शत-प्रतिशत लोग साक्षर हो गए हैं।

-कुसुमस लता, प्रधान।

जागरूक ग्रामीणों ने भी सभी निरक्षरों को साक्षर बनाने में पूरा सहयोग दिया है।

-चंद्रकेश ¨सह, बीएसए।


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