..और आज भी समय पर नहीं पहुंची जनपद की एंबुलेंस
संवाद सहयोगी, खेकड़ा (बागपत): ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में देखा गया
संवाद सहयोगी, खेकड़ा (बागपत): ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में देखा गया है कि बागपत के मुकाबले गाजियाबाद व हरियाणा की एंबुलेंस सेवा घायलों को जल्द अस्पताल पहुंचाने में मददगार साबित हो रही हैं। शुक्रवार को यमुना पुल पर हुए हादसे में भी ऐसा ही हुआ। घायलों को हरियाणा की एंबुलेंस ने अस्पताल में भर्ती करा दिया, तब बागपत जनपद की एंबुलेंस पहुंची। करीब दो घंटे खाली खड़े रहने के बाद एंबुलेंस वापस लौटी।
सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की देरी से इलाज मिलने के कारण मौत होने पर एंबुलेंस सेवा चालू की गई थी। शुरुआत में तो एंबुलेंस ने बेहद तत्परता दिखाई, लेकिन अब सेवा नाम-मात्र की रह गई है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर आए दिन हादसे होते रहते हैं, लेकिन बागपत जिले में एक्सप्रेस-वे पर कोई एंबुलेंस तैनात नहीं की गई है। गाजियाबाद व हरियाणा में टोल बूथ के आसपास ही एंबुलेंस तैनात रहती है। दिसंबर 2018 में सरफाबाद व बड़ागांव के आसपास हुए हादसों में गाजियाबाद से पहुंची एंबुलेंस घायलों को अस्पताल ले गई। लेकिन बागपत से एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके अलावा अन्य दर्जनों दुर्घटनाओं में बागपत एंबुलेंस सेवा के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही हुई। शुक्रवार को हुई दुर्घटना में भी यही हालत बागपत की स्वास्थ्य सेवा का रहा। बागपत से तीन एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची, उससे पूर्व हरियाणा से आई एक एंबुलेंस घायलों को अस्पताल में भर्ती करा चुकी थी। अगर बागपत से आने वाली एंबुलेंस पहले पहुंचती तो कई घायलों को दूसरे वाहनों से लिफ्ट लेकर अस्पताल तक नहीं जाना पड़ा।