'मुद्दे तो बताओ नेताजी, तब करेंगे वोट की बात'; चौपाल पर बैठ हुक्का गुड़गुड़ा रहे लोगों ने तैयार की लिस्ट
पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी अपनी चौपाल लगाकर तय करती हैं कि इस बार वोट कैसे उम्मीदवार को देना है। इस दौरान कोई किसी राजनैतिक दल में भलाई खोज रहा है तो कोई बुराई तलाश कर रहा है। लोग कैसे उम्मीदवार को अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मन बना रहे हैं और किन-किन मुद्दों को लेकर वोट करना चाहते हैं... यही सब जानने के लिए प्रस्तुत है रिपोर्ट...
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इस बार लोग सोच-विचार कर ही अपने मत का प्रयोग करना चाहते हैं। चाय की दुकान पर ग्राहक हों, चौराहे पर खड़े युवा या फिर चौपाल पर हुक्का गुड़गुड़ा रहे बुजुर्ग... सभी अपने वोट का सदुयोग करना चाहते हैं।
सभी जगहों पर माथापच्ची चल रही है कि किसे वोट देना है। कोई विकास के मुद्दे उठा रहा है तो कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का रोना रो रहा है। कोई प्रदूषित पानी की समस्या उठा रहा है। रोजमर्रा के कार्यों के बाद लोग चुनाव की चर्चा शुरू कर देते हैं।
पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी अपनी चौपाल लगाकर तय करती हैं कि इस बार वोट कैसे उम्मीदवार को देना है। इस दौरान कोई किसी राजनैतिक दल में भलाई खोज रहा है तो कोई बुराई तलाश कर रहा है। चुनाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पारा कितना चढ़ चुका है?
लोग कैसे उम्मीदवार को अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मन बना रहे हैं और किन-किन मुद्दों को लेकर वोट करना चाहते हैं... यही सब जानने के लिए प्रस्तुत है जागरण संवाददाता राजीव पंडित की रिपोर्ट...
अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह में चौगामा क्षेत्र के बेगमाबाद गढ़ी गांव में भी चुनाव का माहौल गरमा रहा है। घर हो या बाहर, घेर हो या खेत, जहां पर चार लोग मिल बैठते हैं वहीं चुनाव की चर्चा शुरू हो जाती है। पूर्व सहायक कमांडर चौधरी अलबेल सिंह के मकान पर गांव के ही रामप्रताप, संजीव, भूपेश, ब्रिजेश, ज्ञानेंद्र, विकास, अजय तोमर चारपाई और कुर्सियों पर बैठे हुए हैं। सभी चुनाव की बात कर रहे हैं।
कोई ताव में आकर अपनी बात कह रहा है तो कोई आराम से बातचीत कर रहा है। तय होता है कि इस बार जो भी उम्मीदवार वोट मांगने आएगा, उससे पहले एकमत से पूछा जाएगा कि आप किस पार्टी से हो और किन स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हो। उसके बाद ही वोट की बात करेंगे। सभी लोग इस बात पर सहमति जता देते हैं। इन लोगों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि गांव में आते हैं तो समस्या का समाधान तो दूर, लोगों से बात करने का भी समय नहीं दे पाते हैं।
कृष्णी नदी किनारे बसे चौगामा क्षेत्र के गांव गांगनौली में भी चुनाव की तपिश बढ़ रही है। पूर्व प्रधान धर्मेंद्र राठी के आवास पर बैठे सुखबीर, रामपाल, धर्मवीर, देवेंद्र, संजीव कुमार, जयवीर, अब्दुल, राजबीर, रोशनपाल, श्याम सिंह, राजबीर राठी आदि लोग हुक्का गुड़गुड़ा रहे हैं।
माहौल पूरा चुनावमय हो रहा है और एक-एक कर अपनी बात रख रहे हैं। उम्मीवाद कैसा हो, इसके लिए विचार कई है सभी को इस बात पर सबसे ज्यादा शिकवा सरकार से है कि दशकों पुरानी हिंडन और कृष्णी नदी के प्रदूषित पानी की समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
चुनाव में अभी तक एक भी उम्मीदवार के मुंह से यह बात नहीं सुनी है कि प्रदूषित पानी की समस्या का समाधान कराया जाएगा। लोग कहते हैं कि गांव से सटी कृष्णी नदी का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि आए दिन लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। लोगों की मांग है कि चुनाव में जहरीले पानी को स्वच्छ करने की बात भी होनी चाहिए।
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