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हत्या में इस्तेमाल पिस्टल मुन्ना बजरंगी की नहीं सुनील राठी की थी : एसटीएफ

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ का दावा है कि सुनील राठी 24 घंटे असलहे से लैस रहता था। पिस्टल बजरंगी की नहीं बल्कि, सुनील की थी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 09:41 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 09:14 AM (IST)
हत्या में इस्तेमाल पिस्टल मुन्ना बजरंगी की नहीं सुनील राठी की थी : एसटीएफ
हत्या में इस्तेमाल पिस्टल मुन्ना बजरंगी की नहीं सुनील राठी की थी : एसटीएफ

बागपत (जेएनएन)। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ का दावा है कि सुनील राठी 24 घंटे असलहे से लैस रहता था। पिस्टल बजरंगी की नहीं बल्कि, सुनील की थी। एसटीएफ एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि बजरंगी की हत्या एक ही पिस्टल से हुई है। सुनील अपनी जान बचाने के लिए पिस्टल बजरंगी की बता रहा है, जबकि जेल के अंदर जाने से पहले बजरंगी की तीन चरणों में चेकिंग की गई थी। सुनील के पास उसकी पिस्टल थी और उसी से उसने घटना को अंजाम दिया है। 

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सूत्रों के मुताबिक, हत्या से पहले बैरकों में जाने वाला मुख्य द्वार सुनील राठी ने बंद करा दिया था। उसे शक था कि मुन्ना बजरंगी गोली लगने के बाद कहीं बाहर न भाग जाए। वहीं जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा का कहना है कि पिस्टल सुनील की है या बजरंगी की। जेल प्रशासन के अलावा पुलिस जांच में सब साफ कर देगी। वहीं चर्चा है कि मेरठ में एक 16 करोड़ की संपत्ति है, जिस पर बजरंगी और सुनील अपना-अपना दावा ठोक रहे थे। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति भी हत्या की वजह हो सकती है, लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।

मऊ के बंदी की बढ़ाई सुरक्षा

बागपत जेल में हुई पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेल में शिफ्ट होकर आए पूर्वांचल के एक मात्र बंदी को जान का खतरा सताने लगा है। बंदी की मांग पर अधिकारियों ने उसकी सुरक्षा बढ़ा दी है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेल में ही पूर्वांचल के मऊ निवासी बंदी भोला राय को भी जेल में अपनी हत्या का खतरा सताने लगा है। सूत्रों की मानें तो भोला राय ने जेल प्रशासन से अपनी जान को खतरा बताते हुए दोबारा पूर्वांचल में भेजने की अर्जी भी लगाई है। जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि बंदी की सुरक्षा के लिए सतर्कता बरती जा रही है।

जेल में रुके कई कुख्यात

पिछले सप्ताह जेल में बदमाश सुंदर भाटी भी आया था और उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था, जबकि पहले से ही इस बैरक में सुनील राठी, दिल्ली के कुख्यात बदमाश नीरज बवाना का मामा व दिल्ली का पूर्व विधायक रामबीर शौकीन आदि मौजूद थे। ये सभी सुनील राठी गिरोह से जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि सुंदर भाटी  अदालत में पेश होने के एक-दो दिन बाद चला गया था, लेकिन अन्य बदमाश यहीं रह गए थे। मुन्ना बजरंगी इसी बैरक में आया और सुनील राठी ने उसका मर्डर कर दिया। पुलिस की जांच का एक बिंदु यह भी है कि कहीं कुख्यात बदमाशों के बीच इसी सिलसिले में बातचीत तो नहीं हुई थी।

पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी

मुन्ना बजरंगी के शव का पोस्टमार्टम दोपहर बाद दो बजे शुरू हुआ था और साढ़े चार बजे तक चला था। एक कर्मचारी ने वीडियोग्राफी की थी। एसपी जय प्रकाश का कहना है कि जेल में दस गोली चली हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मुन्ना बजरंगी की बॉडी पर चोट के 13 निशान हैं। सात गोली लगने तथा छह निकलने के निशान बने हुए हैं। एक गोली शरीर के अंदर से निकली है। अन्य गोली आरपार हुई हैं।  मुन्ना बजरंगी की हत्या फिल्मी स्टाइल में की गई है। सूत्रों की माने तो गोली लगने के बाद मुन्ना बजरंगी जमीन पर गिर गया तो उसका फोटो खींचा गया। उस फोटो को वायरल किया गया। फोटो की जांच चल रही है। विक्की सुन्हेड़ा ने कचहरी में कहा कि वह मुन्ना बजरंगी की हत्या के केस का गवाह बनना चाहता है। 


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