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अतीत के संघर्षों का मंचन देख छलक आए थे मिल्खा सिंह के आंसू

दुनिया को अलविदा कर चुके फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर पदमश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह 2016 में काठा स्थित एकस्कूल के प्रोग्राम में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत एक नाटक देखा था और प्रस्तुति देख भावुक हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 06:45 PM (IST)
अतीत के संघर्षों का मंचन देख छलक आए थे मिल्खा सिंह के आंसू
अतीत के संघर्षों का मंचन देख छलक आए थे मिल्खा सिंह के आंसू

जेएनएन, बागपत : दुनिया को अलविदा कर चुके फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर पदमश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह बागपत के बाशिदों की यादों में जिदा रहेंगे। चार साल पहले आइपीएस स्कूल में आयोजित वार्षिक स्पो‌र्ट्स मीट में मुख्य अतिथि के रूप में आए मिल्खा सिंह ने बच्चों के साथ केक काटकर अपना 87वां जन्मदिन मनाया था। साथ ही कार्यक्रम में बच्चों ने उनके जीवन पर आधारित एक नाटक का मंचन किया, तो मंचन में अपने अतीत के संघर्षों को देखकर मिल्खा सिंह के आंसू छलक आए थे।

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20 नवंबर 2016 को आइपीएस स्कूल में आयोजित वार्षिक स्पो‌र्ट्स मीट में मुख्य अतिथि के रूप में मिल्खा सिंह आए थे। स्कूल के चेयरमैन अजय चौधरी बताते हैं कि मिल्खा सिंह का स्वागत उन्होंने, उनकी पत्नी स्वर्गीय शशि चौधरी, बेटे अक्षय, बेटी आंचल, प्रमेन्द्र धामा तथा स्कूल के स्टाफ ने किया था। इसके बाद मिल्खा सिंह उनके आफिस में पहुंचे थे। उस दिन उनका जन्मदिन था तो उन्होंने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। आफिस में मौजूद बच्चों के साथ मिल्खा सिंह ने केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया था। मिल्खा सिंह ने केक अपने हाथ से विद्यार्थियों को खिलाया था। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने मिल्खा सिंह की जिदगी पर एक नाटक का मंचन किया। मंचन को देखकर मिल्खा सिंह भावुक हो गए और उनकी आंखों में से आंसू निकलने लगे। इस पर जब उन्होंने मिल्खा सिंह से पूछा क्या हुआ, तो वो बोले कुछ नहीं बच्चों ने अतीत के संघर्षों को याद दिला दिया।

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बच्चों को रोज खेलने

की दी थी नसीहत

--स्कूल के डायरेक्टर अक्षय चौधरी बताते हैं कि बालीवुड फिल्म भाग मिल्खा भाग को देखने के बाद से वह फ्लाइंग सिख से मिलने को लेकर उत्साहित थे। जब मिल्खा सिंह उनके सामने आए, तो उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने पदमश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह के साथ चार घंटे बिताए थे, जो आज भी उनकी जिदगी में अहम है। मिल्खा सिंह ने उनसे पूछा था कि कोई खेल खेलते हो, तो उन्होंने बास्केटबाल खेलने की जानकारी दी। इस पर मिल्खा सिंह ने उनको शाबासी दी और शरीर को सेहतमंद रखने के लिए रोज खेलने की सलाह दी। मिल्खा सिंह ने रेस व अन्य खेलों में विजेता बच्चों को मेडल देकर सम्मानित किया था। इस दौरान बच्चों को मिल्खा सिंह ने जिदगी में तंदुरुस्त रहने के लिए एक खेल जरूर खेलने की नसीहत दी।


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