Move to Jagran APP

चमरावल में बुखार से प्रसूता की मौत, कई लोग बीमार

चमरावल गांव में बच्चे को जन्म देने के दो दिन बाद महिला की बुखार से मौत होने से स्वजन में कोहराम मचा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 08:16 PM (IST)
चमरावल में बुखार से प्रसूता की मौत, कई लोग बीमार
चमरावल में बुखार से प्रसूता की मौत, कई लोग बीमार

बागपत, जेएनएन। चमरावल गांव में बच्चे को जन्म देने के दो दिन बाद महिला की बुखार से मौत होने से स्वजन में कोहराम मचा है। कई लोग गांव में बुखार से ग्रस्त हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से शिविर लगाए जाने की मांग की है।

loksabha election banner

गांव निवासी गर्भवती अलका (28) पत्नी कुलदीप को सप्ताह भर से बुखार आ रहा था। स्वजन प्राइवेट डाक्टर से इलाज करा रहे थे। दो दिन पूर्व अलका ने बेटे को जन्म दिया। मंगलवार की रात को घर पर खुशी छाई थी। रात में अचानक तबीयत खराब हुई, तो वे अलका को लेकर खेकड़ा में प्राइवेट डाक्टर के पास पहुंचे। रेफर करने पर मेरठ अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में ही अलका ने दम तोड़ दिया। परिवार की खुशी मातम में बदल गई। वहीं गांव में सुभारती, दिप्ती, गुड्डी, मोनू, उषा देवी, चंचल त्यागी, मनोज, सहित दर्जनों लोग बुखार से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य केंद्र है, परंतु डाक्टर नहीं होने से मरीजों का इलाज नहीं होता है। ग्रामीणों ने विभाग से शिविर लगाए जाने की मांग की है।

बच्चे की मौत पर जागा विभाग लगाया गया जांच शिविर

संवाद सहयोगी, खेकड़ा : लगातार बढ़ रहे बुखार ने सिगौलीतगा में बच्चे की जान ली, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली। टीम ने गांव में शिविर लगाकर 42 मरीजों की जांच की। शिविर लगाने पहुंची टीम को ग्रामीणों का गुस्सा भी झेलना पड़ा।

तहसील क्षेत्र में रटौल व आसपास गांव में तो बुखार से ग्रस्त मरीजों का बुरा हाल है। ग्रामीण आए दिन स्वास्थ्य विभाग से क्षेत्र में शिविर लगवाने व दवाई का छिड़काव कराने की मांग करते आ रहे हैं। परंतु विभागीय अधिकारी इस तरफ कतई ध्यान नहीं दे रहे थे। दो दिन पूर्व सिगौलीतगा गांव के छह साल के मासूम रिहान की बुखार से दिल्ली अस्पताल में मौत हुई। इससे विभाग की कुंभकर्णी नींद टूटी। मामला का संज्ञान लेकर सीएमओ डा. दिनेश कुमार के निर्देशन पर सीएचसी अधीक्षक डा. ताहिर सिगौलीतगा गांव में शिविर के लिए पहुंचे। टीम ने मरीजों की जांच शुरू की तो कुछ देर बाद एसीएमओ डा. भुजवीर सिंह, डा. मुकेश ने भी गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बुखार के संबंध में जानकारी ली और बचाव को प्रेरित किया। टीम ने 42 मरीजों की जांचकर दवाइयां वितरित की। वहीं कई दिन से बुखार की चपेट में चल रहे पांच लोगों के खून की स्लाइड बनाकर लैब भेजी। अभी भी गांव में दर्जन भर से अधिक ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं। इतना होने के बाद भी विभाग ने गांव में मच्छरों का प्रकोप रोकने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया, बस ग्रामीणों को आश्वासन दिया।

झेलना पड़ा आक्रोश

टीम ने गांव में शिविर लगाया तो आक्रोशित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने टीम को खरीखोटी सुनाई। बमुश्किल आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। डा. मकसूद, डा. नीटू, संदीप, नितिन आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.