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बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियां बरसाकर हत्या

मुन्ना बजरंगी को बागपत के बसपा के पूर्व विधायक लोकश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में झांसी जेल से बागपत में अदालत में पेश करने के लिए रात नौ बजे एंबुलेंस से लाया गया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 08:26 AM (IST)
बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियां बरसाकर हत्या
बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियां बरसाकर हत्या

बागपत (जेएनएन)। बागपत जेल में पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को सोमवार सुबह गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया। उसे दस गोली मारी गईं। घटना के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस हत्या में इस्तेमाल पिस्टल को बरामद करने का प्रयास कर रही है। शासन ने जेलर उदय प्रताप ङ्क्षसह समेत चार को निलंबित कर दिया है। जेल अधीक्षक विपिन मिश्र ने सुनील राठी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई से रंगदारी मांगने के मुकदमे में सोमवार को मुन्ना बजरंगी की अदालत में पेशी होनी थी।

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पुलिस मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से लेकर रविवार रात नौ बजे बागपत पहुंची और उसे जेल की हाइ सिक्योरिटी बैरक में बंद कर दिया। वहां दूसरी बैरक में पहले से ही कुख्यात सुनील राठी बंद था। सोमवार सुबह लगभग 6.10 बजे संतरी ने बैरक से कई राउंड गोली चलने की आवाज सुनी। जेल कर्मचारियों ने बैरक के पास जाकर देखा तो मुन्ना बजरंगी लहूलुहान हालत में जमीन पर मृत पड़ा था। सुनील राठी समेत दूसरे बदमाश हाई सिक्योरिटी की अपनी-अपनी बैरक में थे। सूचना फ्लैश होते ही डीएम त्रषिरेंद्र कुमार और एसपी जयप्रकाश भारी पुलिस बल के साथ जेल में पहुंचे।


मुन्ना बजरंगी के अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मुन्ना बजरंगी की जेल प्रशासन ने हत्या करा दी है। बताया कि रविवार रात पुलिस बजरंगी को लेकर पुलिस लाइन जाने लगी, लेकिन अचानक अफसरों के फोन पर पुलिस उसे जेल में ले गई, जबकि पुलिस के पास मुन्ना को जेल ले जाने की अनुमति नहीं थी। दोपहर के समय मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह अपनी बेटी सिमरन से साथ बागपत पहुंची। सीमा ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ने हत्या कराई है। इसमें विधायक और सांसद समेत दूसरे नेता भी शामिल रहे हैं। उधर, दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद शव को मुन्ना बजरंगी की पत्नी और उसके परिवारीजन के सिपुर्द कर दिया गया है। भारी सुरक्षा के बीच मुन्ना के शव को लेकर परिवारीजन जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं।

डीएम-एसपी ने माना गंभीर अपराध
डीएम व एसपी ने बताया कि जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी की हत्या होना एक गंभीर मामला है और उससे भी बड़ी लापरवाही जेल के अंदर हथियार जाना है। सुनील राठी और दूसरे कैदी और बंदियों से भी पूछताछ की जा रही है।

जेलर समेत चार निलंबित, मजिस्ट्रेट जांच होगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या पर नाराजगी जताई तो जेल प्रशासन ने तत्काल ही बागपत के जेलर उदयप्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डर अरजिंदर सिंह और वार्डर माधव कुमार को निलंबित कर दिया।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि जेल अधीक्षक विपिन मिश्र की ओर से बागपत के थाना खेकड़ा में आरोपित सुनील राठी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। एडीएम को पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच सौंप कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सूचना दे दी गई है। न्यायिक अभिरक्षा में हुई हत्या की न्यायिक जांच भी होगी। इसके लिए शासन ने बागपत के जिला जज से मजिस्ट्रेट नामित करने का अनुरोध भी किया है।

साथ ही जेल प्रशासन ने डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी को भी जेल के भीतर हुई चूक की विभागीय जांच सौंपी गई है। डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि पुलिस को बजरंगी के शव के पास से 7.62 बोर के दस खोखे मिले हैं। इसके अलावा पास की नाली से 22 कारतूस और दो मैग्जीन भी बरामद की गईं हैं। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि घटना में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली गई है।

जेल के अंदर हत्या पर सरकार गंभीर : योगी
दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी की हत्या पर नाराजगी व्यक्त करते हुए हैरानी भी जताई। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी के बाद जेलर के साथ ही चार लोगों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जेलों में सतर्कता बरतने के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिया। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुन्ना बजरंगी कई मामलों में वांछित अपराधी था। जेल के अंदर जिस प्रकार से उसकी हत्या की गई है। उसको लेकर सरकार गंभीर है। इस घटना में शामिल जो भी दोषी होंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बागपत में पेशी के लिए जिस मामले में मुन्ना बजरंगी को लाया गया, उसमें मुन्ना बजरंगी नामजद नहीं थे, ना ही रंगदारी के मामले में वायस सैंपलिंग में उसकी आवाज मैच की थी। विकास का कहना है कि जबरन प्रशासन ने इस मामले में मुन्ना बजरंगी को पेश किया और बीमार होने के बावजूद एंबुलेंस से बागपत लाया गया। इसके बाद उनकी अलसुबह छह बजे के करीब सुनील राठी से हत्या करवा दी। सुनील राठी बागपत के कस्बा टीकरी का कुख्यात बदमाश है और उम्र कैद काट रहा है।

पुलिस हथियार की तलाश में जुटी

मुन्ना बजरंगी की हत्या जिस हथियार से की गई, उसे जेल के गटर में फेंके जाने की सूचना है। इसी के चलते पुलिस ने गटर सफाई करने वाली मशीन को जेल के अंदर बुला लिया। मशीन से गटर की सफाई कर हथियार को बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है। सुबह से ही जेल में डीएम ऋषिरेन्द्र कुमार व एसपी जयप्रकाश समेत अन्य आला अधिकारी मौजूद है। आज जेल में मिलाई बंद है।

जेल के अंदर कैसे आया हथियार

जेल के अंदर मोबाइल व हथियार ले जाने पर पाबंदी है। इसके बावजूद जेल के अंदर हथियार पहुंच गया, जिससे मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई। जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। 


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