.. मेरे कश्मीर मेरी जान, मेरे प्यारे चमन : कुमार विश्वास
पंच परमेष्ठी प्रचार समिति के तत्वावधान में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जान माने कवियों ने अपनी ओजस्वी रचनाओं को सुनाकर समां बांधा।
बागपत, जेएनएन। पंच परमेष्ठी प्रचार समिति के तत्वावधान में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में जाने माने कवियों ने अपनी ओजस्वी रचनाओं को सुनाकर समां बांधा।
रविवार देर रात शहर की संजय मूर्ति पर आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवियत्री शबाना अदीब ने भगवान राम की प्रार्थना से किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण डा. कुमार विश्वास रहे, जिन्होंने आधी रात के बाद तक श्रोताओं की मांग पर अपनी रचनाओं का पाठ किया। कश्मीर पर उन्होंने अपना काव्य पाठ करते हुए फरमाया, 'मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन, तेरे गुलमर्ग में सरताज ताज हार गया, तू वो जन्नत के जहांगीर भी दिल हार गया। इसके बाद उन्होंने अपने प्रसिद्ध काव्य रचना, कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है, सुनाई तो माहौल में तालियों से गूंज उठा।
लखनऊ से पधारे प्रख्यात मित्रा ने फरमाया, हमने 70 सालों की रीतियां सदन में तोड़ी हैं, पहले एक शेर था लेकिन अब शेरों की जोड़ी है, कश्मीरी हिदू के हित का कानून बनाकर दिखा दिया, कश्मीर को शिमला, देहरादून बनाकर दिखा दिया। कानुपर से आए कवि हेमंत पांडेय ने फरमाया कि डर है कहीं वो अपमान ना कर दे, दिल को हमारे वो दालान ना करे दे, मिलने तुमझे आना चाहता तो हूं, पर पुलिस कहीं चालान ना कर दे, सुनाकर जमकर ठहाके लगवाए। दिल्ली से आए कवि अनिल अग्रवंशी ने फरमाया कि हंसना हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है मेरी, लोग तो मुंह फेर के चलते हैं, आवाज देकर बुलाना आदत है मेरी। कवि सुदीप भोला ने फरमाया कि चिदंबरम अंदरम, अब किसका है नंबरम। इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक केपी मलिक, नगर पालिका चेयरमैन अमित राणा, निखिल जैन, सुधीर कुमार, संजय जैन, अध्यक्ष विजय जैन, नवीन जैन, आशीष जैन, विकास जैन, विवेक जैन आदि मौजूद रहे।