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हाथी-घोड़ा पालकी जय कैन्हया लाल की..

जागरण संवाददाता, बागपत : रविवार को जनपद में नंद लाल के जन्मोत्सव की पूरी धूम रही। श्री कृष्ण

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 09:53 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 09:53 PM (IST)
हाथी-घोड़ा पालकी जय कैन्हया लाल की..

जागरण संवाददाता, बागपत : रविवार को जनपद में नंद लाल के जन्मोत्सव की पूरी धूम रही। श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पूरे शहर में श्रद्धा और धूमधाम से मनाया। शानदार ढंग से सजे मंदिरों हुई आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्री कृष्ण की मनमोहक झांकियां देखने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं मंदिरों में कहीं वृंदावन, कहीं कंस का कारागार तथा कहीं नंदगांव नजर आया।

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भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के चलते गत सप्ताह से ही मंदिरों व घरों में सजावट का काम शुरू हो गया था। बागपत, अग्रवाल मंडी टटीरी, बड़ौत, छपरौली टीकरी, अमीनगर सराय और खेकड़ा कस्बों समेत देहात के सभी मंदिरों को शानदार ढंग से सजाया गया था। हालांकि, मंदिरों में जन्माष्टमी का समागम रात को शुरू हुआ, लेकिन वहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। लोग अपने छोटे बच्चों को कृष्ण के स्वरूप में सजा कर बाजारों में घूमते नजर आए। वहीं लोगों ने व्रत रखा तथा सुबह मंदिरों में जाकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की। भक्तिमय संगीत से भगवान कृष्ण के गुणों का बखान किया गया।

जैसे ही शाम हुई लोग भगवान श्री कृष्ण की मनमोहक झांकियां देखने के लिए अपने अपने घरों से निकल पड़े।

बागपत के जानकीदास मंदिर में ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने 16 तरह का भगवान का पूजन कराया। भगवान श्री कृष्ण जी को दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, चीनी और इतर आदि से स्नान कराकर सुंदर वस्त्र धारण कराए गए। पं. राजकुमार शास्त्री ने श्रद्धालुओं को बताया कि व्रत व जागरण करके भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम व आस्था को प्रकट करना चाहिए। इस व्रत को करने से विशेष लाभ होता है और जीवन से अंधकार रूपी अज्ञान नष्ट होने के साथ-साथ हर मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है। रात्रि 11.18 बजे चंद्रदेव के उदय होने पर भगवान श्री कृष्ण की आरती हुई। भूपेंद्र शर्मा, राजेश गौतम, अमित गौतम, राजनारायण, दुर्गावती, कौशल, गीता, शिवानी समेत अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।

बागपत के पक्काघाट मंदिर, लंगड़े की बगीची वाला मंदिर, काली का मंदिर, ठाकुरदारा मंदिर, भूमिया मंदिर और बागेश्वर मंदिर समेत जिले के तमाम मंदिरों में श्री कृष्ण जन्म मौके मंदिरों की घंटियां तथा शंख गूंजे। मंदिरों के पुजारियों ने भगवान श्री कृष्ण की आरती सुना कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की सभी को बधाइयां दी। मंदिर प्रांगण श्री कृष्ण भगवान के जयकारों से गूंजने लगे। उधर, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिरों के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस व प्रशासन के अफसर चौकन्ने नजर आए। उधर अग्रवाल मंडी टटीरी में ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर केक काटा गया।

सजी मनमोहक झांकियां

भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर लोगों ने घरों पर भी खास तैयारी की हुई थी। राधे-कृष्ण की मूर्ति के लिये नये वस्त्र, आभूषण व पालना खरीदें गए। छोटे बच्चों को राधे-कृष्ण की वेश-भूषा में तैयार किया गया। घरों को लाइट, मोमबत्ती, दीयों व फूलमालाओं से सजाया गया। श्रीकृष्ण जन्म को दर्शाने के लिए झांकी भी सजाई गई, जिसमें बालगोपाल को पालने में विराजमान किया गया। मटकी में रूई लगाकर माखन प्रदर्शित किया गया। रंगोली व श्रीकृष्ण के पादुकाओं को अंकित किया गया।


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