अपना-पराया को मन से निकाल करें बुजुर्गों की सेवा
जैन मंदिरों में पूजन कर श्रद्धालुओं ने चढ़ाए 256 अर्घ्य
खेकड़ा : सिद्धचक्र महामंडल विधान में पूजन कर श्रद्धालुओं ने शांति को कामना कर प्रभु को 256 अर्घ्य चढ़ाए। धर्मचर्चा में आचार्य ने श्रद्धालुओं को अपने-पराए को भुलाकर बुजुर्गों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
रविवार को छोटा बाजार स्थित दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में श्रद्धालुओं ने नित्य नियम प्रभु का अभिषेक व शांतिधारा की। मंत्रित जल से स्थल को शुद्ध विधान शुरू कराया। प्रभु से शांति को कामना कर श्रद्धाुलओं ने 256 अर्घ्य सर्मिपत किए। बड़ागांव दिगंबर जैन मंदिर में ब्रह्मचारी नवीन भैया व पंडित आशीष जैन शास्त्री ने विधान क्रियाएं कराई। धर्मचर्चा में आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति से मनुष्य के सभी दुखों का अंत होता है। भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। आचार्य ने मौजूद श्रद्घालुओं को अपना पराया को मन से निकालकर बुजुर्गों की सेवा कर भवान को प्रसन्न करने का मार्ग भी बताया। श्रद्धालुओं ने बुजुर्गों की सेवा का प्रण लिया। पूजन में दर्जनों श्रद्धालु मौजूद रहे।