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रिछपाल हत्याकांड की जांच हापुड़ क्राइम ब्रांच ट्रांसफर

गोठरा के रिछपाल हत्याकांड की जांच हापुड़ क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है। रिछपाल का शव 24 जुलाई को गोठरा के जंगल में पेड़ से लटकता मिला था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:51 PM (IST)
रिछपाल हत्याकांड की जांच हापुड़ क्राइम ब्रांच ट्रांसफर
रिछपाल हत्याकांड की जांच हापुड़ क्राइम ब्रांच ट्रांसफर

बागपत, जेएनएन। गोठरा के रिछपाल हत्याकांड की जांच हापुड़ क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है। टीम के इंस्पेक्टर ने गांव पहुंचकर मृतक के स्वजन से संबंध में जानकारी जुटाई। घटनास्थल का भी जायजा लिया।

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24 जुलाई की सुबह गोठरा जंगल में 55 वर्षीय रिछपाल पुत्र नेपाल का शव बल्ले पुत्र राजपाल के नलकूप के पास शीशम के पेड़ पर लगे फंदे से लटकता मिला था। छोटे भाई जग्गी के मुताबिक करीब सप्ताह भर से नेपाल गायब था। दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन बागपत पुलिस घटना में सिर्फ जांच करने का राग आलापती रही। चार माह में पुलिस ने दर्जनों संदिग्ध से पूछताछ की, लेकिन राजफाश नहीं कर सकी।

पीड़ित स्वजन की मांग पर एडीजी राजीव सब्बरवाल ने विवेचना हापुड़ क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी। शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व गोठरा गांव पहुंची। स्वजन से संबंधित जानकारी जुटाने के साथ घटनास्थल का भी जायजा लिया। इसके बाद कोतवाली पुलिस से संबंधित कागजात भी लिए। स्वजन कई बार विवेचना ट्रांसफर करने की मांग कर चुके थे। इंस्पेक्टर एमएस गिल का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर विवेचना ट्रांसफर की गई है। संबंधित टीम का भरपूर सहयोग किया जाएगा।

किसानों ने मांगा प्रशासन से बर्बाद फसल का मुआवजा

संवाद सूत्र, चांदीनगर : पिछले दिनों हुई बे मौसम बारिश के कारण आलू की फसल बर्बाद हो गयी थी। इस मामले में शासन व प्रशासन की उपेक्षा से किसानों में रोष है। कई गांवों के किसानों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है।

लहचौड़ा, मुबारिकपुर, मंसूरपुर, रटौल, सिगौलीतगा, गौना सहवानपुर आदि गांव के किसान आलू की फसल बोते हैं। अमूमन अक्टूबर माह में आलू की फसल की बुआई की शुरूआत हो जाती है। किसानों ने सैकड़ों बीघा में आलू की फसल की बुआई की थी। बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की फसल बर्बाद होने से काफी नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार क्ष़ेत्र में करीब एक हजार बीघा जमीन पर आलू की फसल बुआई की थी। बाबूराम, सोभाराम, नरेश, रणबीर यादव, ओमदत्त यादव, गजेंद्र यादव, हरपाल आदि की फसल खराब हो गयी है। किसानों ने बताया कि पहले धान की फसल ने उन्हें रुलाया, अब आलू की फसल से वे बर्बाद हो चुके हैं। इससे किसान कर्जदार हो गए हैं।

लहचौड़ा के किसान शोभाराम ने बताया कि धान और आलू की फसल के कारण वह डेढ़ लाख रुपये का कर्जदार हो चुका है। इस मौके पर रमेश, बाबूराम, शोभाराम, राधेश्याम, राजकुमार, भूपेंद्र, नरेश, रणबीर आदि किसान मौजूद थे।


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