कंप्यूटर जगत से जुड़े प्रधान ने गांव को दी डिजिटल हेल्पलाइन, विकास की गाथा लिख रहे बागपत के सुधीर राजपूत
नोएडा में अपना बिजनेस एमसीए की डिग्री प्राप्त करने वाले सुधीर राजपूत का मन अपने गांव में रम गया और उन्होंने यहीं रहकर गांव का विकास करने की ठानी। कंप्यूटर एप्लीकेशन की भाषा में कहें तो उन्होंने गांव का सिस्टम अपडेट करने का प्रण लिया।
मनोज कलीना, बिनौली (बागपत): नोएडा में अपना बिजनेस, एमसीए की डिग्री और सुविधाजनक जीवन, लेकिन सुधीर राजपूत का मन रमा अपने गांव में। साफ्टवेयर डेवलपर सुधीर ने अपने गांव फजलपुर का विकास करने की ठानी। कंप्यूटर एप्लीकेशन की भाषा में कहें तो उन्होंने गांव का 'सिस्टम अपडेट' करने का प्रण लिया।
उन्होंने दो वर्ष के कार्यकाल में न सिर्फ मूलभूत सुविधाओं पर काम किया, बल्कि गांव को अपनी अनोखी डिजिटल हेल्पलाइन भी दी। जनपद में और किसी गांव में ऐसी हेल्पलाइन नहीं है।
जारी किया हेल्पलाइन नंबर
बिनौली ब्लाक के फजलपुर गांव के प्रधान सुधीर राजपूत ने ग्रामीणों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए बीते दिनों हेल्पलाइन लांच की। इसका नंबर 9540509991 है। यह नंबर डायल करते ही शिकायतकर्ता को किसी टेलीकाम हेल्पलाइन की तरह विकल्प सुनाई देंगे।
इनमें सरकारी हैंडपंप खराब होने, कूड़े की गाड़ी नहीं आने, सफाई कर्मचारी नहीं आने, राशन कार्ड व पेंशन संबंधी शिकायत, जन्म, मृत्यु, आय, जाति, चरित्र प्रमाण बनवाने, सामान्य शिकायत दर्ज कराने, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, ग्राम लेखपाल से वार्ता करने के विकल्प दिए गए हैं। शिकायतकर्ता को एक से लेकर नौ तक विकल्प चुनना होता है। शिकायत संख्या भी मिलती है और काल को रिकार्ड भी किया जाता है।
लाइब्रेरी से युवाओं को मिल रही दिशा
करीब चार हजार की आबादी वाले गांव में युवाओं का भविष्य संवारने के लिए ग्राम प्रधान ने इंटरनेट सुविधाओं से युक्त लाइब्रेरी की स्थापना कराई है। इसमें दैनिक समाचार पत्र, रोजगार परक मासिक पत्रिकाएं एवं विभिन्न विषयों की पुस्तकें भी रखी गई हैं। दो सेवानिवृत्त शिक्षक भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं। यहां सुबह से शाम तक युवा बैठकर अध्ययन करते हैं।
शहरों की तर्ज पर कूड़ा प्रबंधन
फजलपुर गांव में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था शहरों की तरह की गई है। इसके लिए अतिरिक्त कर्मी नियुक्त किए गए हैं। कूड़ा एकत्र करने वाली गाड़ी हर गली-मुहल्ले में जाती है। नियुक्त कर्मचारी घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र कर गाड़ी में डालते हैं।
सभी रास्तों पर इंटरलाकिंग टाइल्स
गांव के सभी मार्गों एवं गलियों में इंटरलाकिंग का जाल बिछा है। सभी परिषदीय विद्यालय परिसरों में इंटरलाकिंग टाइल्स बिछी हैं। कंप्यूटर लगे हैं, साथ ही वाईफाई की भी सुविधा है। कमरों में पेंटिंग व कई कलाकृतियां बनाई गई हैं। इसके अलावा बेहतर बिजली व्यवस्था के लिए तारों के बजाय अब पूरे गांव में एक तार (सीबीसी वायर) वाली व्यवस्था है। ग्राम पंचायत सचिवालय में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में भी ग्रामीणों की मदद की जाती है।
निजी खर्च से कूड़ा उठाने का खरीदा रिक्शा
एमकाम, एमसीए व आइटी डिप्लोमा धारी सुधीर न केवल ग्राम पंचायत निधि का प्रयोग करते हैं, बल्कि अपने निजी खर्च से संसाधन जुटाने में भी पीछे नहीं हटते। उन्होंने गांव में दो वर्षों में अब तक ग्राम पंचायत निधि से 36 लाख रुपये के विकास कार्य कराए हैं। अपनी जेब से 1.40 लाख खर्च कर कूड़ा उठाने को रिक्शा खरीदा और उस पर तैनात एक कर्मचारी का मानदेय प्रति माह पांच हजार रुपये भी खुद वहन करते हैं।
लाइब्रेरी में कंप्यूटर व अन्य संसाधन के लिए 80 हजार रुपये भी निजी रूप से दिए। तीन परिषदीय विद्यालयों में कंप्यूटर लगवाने में 80 हजार खर्च किए। वहीं, प्रधान बनने से पहले पांच लाख रुपये से पूरे गांव में स्ट्रीट लाइटें लगवाईं।
माडल ग्राम पंचायत में चयन
प्रदेश सरकार की योजना के तहत फजलपुर का चयन माडल ग्राम पंचायत के रूप में हुआ है। जनपद में ग्वालीखेड़ा दूसरी माडल ग्राम पंचायत है।
ग्राम पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में ग्रामीणों का भी सहयोग मिल रहा है। जल्द ही पूरे गांव में 50 सोलर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। परिषदीय विद्यालयों में प्रोजेक्टर पर क्लास शुरू कराई जाएगी।- सुधीर राजपूत, प्रधान, ग्राम पंचायत फजलपुर, बागपत