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फॉरेंसिंक जांच रिपोर्ट ने खोले सारे पोल, मुन्ना बजरंगी की हत्या वाली पिस्टल गायब

पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में पिस्टल की प्राथमिक फॉरेंसिक रिपोर्ट में पिस्टल के कारतूसों से मिलान न होने से यह साफ हो गया है कि सब कुछ सुनियोजित था।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:21 PM (IST)
फॉरेंसिंक जांच रिपोर्ट ने खोले सारे पोल, मुन्ना बजरंगी की हत्या वाली पिस्टल गायब
फॉरेंसिंक जांच रिपोर्ट ने खोले सारे पोल, मुन्ना बजरंगी की हत्या वाली पिस्टल गायब

बागपत (जेएनएन)। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में पिस्टल की प्राथमिक फॉरेंसिक रिपोर्ट में पिस्टल के कारतूसों से मिलान न होने से यह साफ हो गया है कि सब कुछ सुनियोजित था। हत्याकांड के पीछे कोई गहरी साजिश थी, यही वजह है कि मौके पर बरामद कारतूस गटर से बरामद पिस्टल से मेल नहीं खा रहे। अब साफ है कि अगर कारतूसों का बरामद पिस्टल से मेल नहीं हो रहा तो मुन्ना बजरंगी की हत्या किसी दूसरी पिस्टल से की गई। अगर वाकई ऐसा है, तो प्रयोग हुई वह दूसरी पिस्टल कहां है? हत्याकांड के बाद ही पुलिस ने पूरी जेल में चेङ्क्षकग की थी, लेकिन तब कोई दूसरी पिस्टल नहीं मिली। ऐसे में फॉरेंसिक रिपोर्ट का गटर से बरामद पिस्टल को नकारना, पुलिस के लिए बड़े सिरदर्द का इशारा है। 

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कुछ अनसुलझे सवाल 

  • अगर गटर से बरामद पिस्टल प्रयोग नहीं हुई तो असली पिस्टल कहां है?  
  • घटनाक्रम के बाद जिला जेल से पार कैसे हो गई प्रयोग की गई पिस्टल? 
  • क्या अकेले कोई इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता, कौन है दूसरा पार्टनर? 
  • गटर से बरामद पिस्टल जेल में कैसे पहुंची, क्या उसे सुबह गटर में डाला गया या पहले ही फेंकी गई? 
  • बजरंगी की छाती पर बगैर गोली लगा और गोली लगा फोटो कैसे वायरल हुए?
  • जिस मोबाइल से फोटो वायरल हुआ, वह मोबाइल कहां है?

फॉरेंसिक रिपोर्ट सिर्फ प्रयोग किए गए दूसरे असलहे की पुष्टि ही नहीं, बल्कि पुलिस की नाकामी का कबूलनामा भी है, जिसमें हत्याकांड के बाद पुलिस उसी राह पर चलती रही, जो सुनील राठी उसे दिखाता रहा। राठी ने सबसे पहले कहा कि उसने अकेले ही बजरंगी की हत्या की। पुलिस ने उसे मान लिया। फिर वह बोला कि बजरंगी ही जेल में पिस्टल लेकर आया था। इसी से उसकी हत्या की, जो उसने सेफ्टी टैंक में फेंक दी है। पुलिस ने उसके कहे अनुसार गटर साफ कराया और पिस्टल के साथ-साथ दो मैग्जीन और 22 कारतूस बरामद किए। तत्कालीन जेलर यूपी सिंह की तहरीर पर हत्या व एसएसआइ रजनीश कुमार की तहरीर पर आम्र्स एक्ट के तहत खेकड़ा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। आम्र्स एक्ट के केस की विवेचना पूरी कर राठी के खिलाफ पुलिस ने 10 दिन पूर्व अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। पुलिस द्वारा आगरा लैब में जांच के लिए भेजी गई पिस्टल की फॉरेंसिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि हत्याकांड में वह पिस्टल प्रयोग ही नहीं हुई। 


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