विदेशी दूध का विरोध करेगी भाकियू: टिकैत
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार चार नवंबर को विदेशी दूध तथा फलों की भारत में बिक्री का समझौता करेगी।
बागपत, जेएनएन। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार देश में विदेशी दूध तथा फलों की बिक्री के लिए चार नवंबर को समझौता करेगी। आयातित दूध 20 रुपये लीटर बिकने पर भारत में पशुपालन धंधा चौपट होने से 15 करोड़ किसान परिवार बर्बाद हो जाएंगे। भाकियू कार्यकर्ता गुरुवार को देशभर में जिलाधिकारियों को ज्ञापन देकर उक्त सरकारी नीतियों का विरोध और गन्ना भाव 450 रुपये प्रति कुंतल करने की मांग करेंगे।
बुधवार को एक रेस्टोरेंट पर प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि कहा, कांट्रेक्ट फार्मिंग में विदेशी कंपनियां हमारी जमीन का इतना ज्यादा दोहन करेंगी कि वह 30 साल बाद खेती करने लायक ही नहीं बचेंगी। भारत सरकार 26 फसलों के विदेशी हाइब्रिड बीजों के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दे चुकी है। इन रसायनयुक्त बीजों से तैयार उत्पादों का प्रयोग जन स्वास्थ्य के लिए घातक होगा। विदेशी सेब के आयात से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत चार राज्यों के सेब उत्पादक किसान बर्बाद हो जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, सिर्फ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करने से किसानों का भला नहीं होगा। सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि बाजार में कृषि उपज समर्थन मूल्य से कम कीमत पर नहीं बिके। एक गन्ना कोल्हू से 100 लोग जुड़े होते हैं, लिहाजा सरकार इसे कृषि उद्योग का दर्जा देकर बिजली समेत अन्य सुविधाएं दे। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि मिलों में गन्ना तौल कराते ही भुगतान किसानों के खातों में पहुंच जाए। भाकियू जिलाध्यक्ष चौ. प्रताप सिंह गुर्जर, भाकियू नेता प्रधान राजेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह आदि मौजूद रहे।