ग्रामीण भारत की झलक देख गदगद नीदरलैंड के मेहमान
नीदरलैंड से कल्चलर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शिक्षक-छात्र दल का बागपत के गांव जागोश पहुंचा। यहां उनका भारतीय संस्कृति के अनुसार तिलक लगाकर और फूलमालाओं से स्वागत किया। ग्रामीण भारत को देखकर विदेशी मेहमान खासे उत्साहित दिखाई दिए और उन्होंने यादगार पलों को अपने कैमरों में कैद किया और यहां बार-बार आने की इच्छा जाहिर की।
बागपत, जेएनएन। नीदरलैंड से गांव जागोश में पहुंचे शिक्षक-छात्र दल का भारतीय परंपरा के मुताबिक स्वागत हुआ। ग्रामीण भारत के दर्शन करने के साथ विदेशी मेहमानों ने यादगार पलों को कैमरों में कैद किया और यहां बार-बार आने की इच्छा जाहिर की। शिक्षकों व विद्याथियों ने सेल्फी ली, भोजन किया।
कल्चलर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गुरुवार को जागोश गांव के ऋषिकुल विद्यापीठ में पहुंचे 11 सदस्यीय दल का भारतीय परंपरा के अनुसार स्वागत हुआ। छात्राओं और शिक्षिकाओं ने तिलक लगाकर आरती उतारी। सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।
विद्यालय संस्थापक एसके शर्मा ने विदेशी मेहमानों को ग्रामीण भारत की कला-संस्कृति और जीवनचर्या से अवगत कराया। प्रधानाचार्य संजीव कौशिक ने बताया कि दल हरियाणा के सोनीपत से यहां पहुंचा है। विदेशी मेहमान यहां की शिक्षण पद्धति, कला-संस्कृति को जानने-समझने के लिए आए हैं।
इस दौरान ऋषिकुल विद्यापीठ सोनीपत के प्रधानाचार्य एनपी सिंह, राजीव शर्मा, मदनपाल शर्मा, राजकुमार शर्मा, शिवकुमार, सचिन कुमार, बृजेंद्र शर्मा, विनीता शर्मा, अश्वनी कुमार, इंदू शर्मा, संध्या शर्मा, संगीता शर्मा आदि मौजूद रहे।
प्रोजेक्ट बेस्ड है नीरदरलैंड की शिक्षण पद्धति
शिक्षक क्लास होकेस्त्रा और एल्के मेडर्न ने भारतीय और नीदरलैंड की स्कूली शिक्षा के अंतर के सवाल पर कहा कि नीरदरलैंड में स्कूली शिक्षा एक्टिविटी और प्रोजेक्ट बेस्ड है। वहां विद्यार्थी देखकर और क्रियाकलापों के शोध के आधार पर सीखते हैं जबकि भारत में ज्ञानात्मक पक्ष पर जोर दिया जाता है। भारतीय स्कूलों में किताबों के जरिए ज्ञान अर्जित करने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। नीदरलैंड से पहुंचे दल में दो शिक्षक, पांच छात्राएं व चार छात्र रहे। शिक्षकों में क्लास होकेस्त्रा, एल्के मेडर्न तथा विद्यार्थियों में फेमके ब्लोम, आइरिश वैन लियजेनहोस्ट, विलेमीजिन वैनकुलेन, एम्मारेजमैन, इसाबेल लिगटेजिन, फिरीक कराज, संजीव रामबरन मिश्रा, जुलियन होकबरजन, वैसले वैन रोयन शामिल रहे।