रसोई का बजट बिगड़ रहीं महंगी सब्जियां
महंगी होती सब्जियों ने लोगों को परेशान कर रखा है। जेब पर अतिरिक्त भार पड़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। किचन से एकाएक सब्जियां गायब होती जा रही हैं।
बागपत, जेएनएन। महंगी होती सब्जियों ने लोगों को परेशान कर रखा है। जेब पर अतिरिक्त भार पड़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। किचन से एकाएक सब्जियां गायब होती जा रही हैं।
आलू, टमाटर और प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। सब्जियों के दाम सुनते ही लोग हैरान हो जाते हैं। गृहणी की रसोई भी सब्जियों से बेरंग हो गई है। पहले हर तरह की सब्जी रसोई में मिल जाती थी, अब तो गिनी-चुनी ही देखने को मिल रही है। रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। सब्जी की दुकान पर लोगों को जेब से अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। सलाद से प्याज और टमाटर तो गायब ही हो गए हैं।
सब्जी विक्रेता मोनू कश्यप ने कहा दूसरे राज्यों में बारिश, बाढ़ की वजह से सब्जियां मंडी नहीं पहुंच रही हैं। इसी वजह से दाम बढ़ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियों के दाम कम है। महंगी सब्जियों ने
किए होश खराब
बागपत निवासी सुमन ने कहा कि कोरोना ने परिवार का बजट पहले ही बिगड़ गया है, अब महंगाई कमर तोड़ रही है। सब्जियों के बढ़े दाम ने होश खराब कर दिए है। अब तो आधी किलो और ढाई सौ ग्राम मात्रा में सब्जी लेनी पड़ रही है।
राखी ने कहा कि दाम बढ़ने से रसोई से हिसाब गड़बड़ा गया है। अब तो एक एक दिन दाल से काम चलान पड़ रहा है।
------- सब्जी के दाम, एक सप्ताह पहले
तोराई 60 40
बैंगन 40 30
लोकी 40 30
फूल गोभी 40 60 बंद गोभी 80 40 टमाटर 50 40 फ्रांसबीन 120 80
टिडा 60 40
भिड़ी 40 30 करेला 60 40 खीरा 40 30
प्याज 70 50
आलू 40 35