पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बेटी पुरावशेष देखने सिनौली पहुंची
जागरण संवाददाता बड़ौत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी शनिवार को शोधार्थियों के साथ उत्खनन के दौरान मिल रहे पुरावशेषों को देखने के लिए सिनौली गांव पहुंची। इस दौरान एक-एक कर उन्होंने अभी तक मिले पुरावशेषों के बारे में जानकारी ली। शोधार्थियों से कहा कि यहां ऐसे-ऐसे पुरावशेष मिल रहे हैं जो कहीं और कभी नहीं मिले। इसलिए यहां से मिल रहे प्रमाणों के बाद इतिहास को नई दिशा मिलेगी।
जासं, बड़ौत (बागपत) : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी शनिवार को शोधार्थियों के साथ उत्खनन के दौरान मिल रहे पुरावशेषों को देखने के लिए सिनौली गांव पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने अभी तक मिले पुरावशेषों के बारे में जानकारी ली। कहा कि इस तरह के पुरावशेष अभी तक हीं नहीं मिले। इससे इतिहास को नई दिशा मिलेगी।
सिनौली गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान की टीम तीसरे चरण की खोदाई कर रही है, जिसमें प्राचीन काल के पुरावशेष निकल रहे हैं। इन्हीं को देखने के लिए शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी उपेंद्र सिंह और नयन जोत लहरी गांव में पहुंचीं। दोनों अशोक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उनके साथ 30 शोधार्थी भी थे। ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी ने शोधार्थियों से कहा कि यह बड़ी खोज है। यहां से वर्ष 2005 में भी बड़ी संख्या में मृदभांड, तलवार, दीवार, कंकाल, ताबूत आदि पुरावशेष मिले थे। संभावना जताई कि यहां अभी और पुरावशेष मिलेंगे। दूसरे चरण की खोदाई में यहीं से रथ आदि के पुरावशेष भी मिल चुके हैं। शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक अमित राय जैन ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी वर्ष 2005 में भी सिनौली में हुई पहले चरण की खोदाई में आई थीं। इस दौरान संस्थान के निदेशक संजय मंजूल भी मौजूद थे। उधर, पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी के आने की सूचना पर काफी ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को उत्खनन स्थल के अंदर नहीं जाने दिया।