डीएसओ साहब! एक नजर जिवाना गुलियान पर भी
जिवाना गुलियान गांव में कई दर्जन परिवार राशन कार्ड न बनने से राशन से मोहताज हैं। उधर कई कार्ड धारकों को केरोसिन भी नहीं मिलता। करीब छह हजार की आबादी वाले जिवाना गुलियान गांव में दो राशन विक्रेता हैं।
बागपत, जेएनएन। जिवाना गुलियान गांव में कई दर्जन परिवार राशन कार्ड न बनने से राशन से मोहताज हैं। उधर, कई कार्ड धारकों को केरोसिन भी नहीं मिलता। करीब छह हजार की आबादी वाले जिवाना गुलियान गांव में दो राशन विक्रेता हैं। गांव में करीब 845 कार्ड धारक उपभोक्ता हैं। ग्रामीणों को राशन के रूप में सस्ती दरों पर चावल और गेहूं वितरित किया जाता है। गांव में उपभोक्ताओं को राशन विक्रेता निर्धारित समय सीमा के भीतर राशन का वितरण करते हैं। कई दर्जन परिवार राशन से वंचित
--गांव में करीब 40 परिवार ऐसे हैं जिनके आज तक राशन कार्ड नही बन पाए हैं। रीना, रुबीना, परवीना, इमराना, आसमीन आदि का कहना है कि कई बार कार्ड बनवाने के ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर कागजात राशन विक्रेता को दे चुके हैं। लेकिन फिर भी राशन कार्ड नही बन रहे हैं। राशन कार्ड नही बनने से ये परिवार राशन के भी मोहताज हैं।
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नहीं मिलता केरोसिन
--यहां राशन कार्ड धारकों को गेहूं और चावल तो समय पर यूनिट के अनुरूप मिल रहा है, लेकिन कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें कई कई माह तक केरोसिन नहीं मिलता।
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क्या कहती महिलाएं
--सुमन देवी कहती हैं कि उनको देर सबेर गेहूं चावल पूरा मिल रहा है। माया कहती हैं कि उन्हें केरोसिन नहीं मिलता। रेखा कहती हैं कि बार बार कहने के बाद भी उनका कार्ड नहीं बन पाया है, जिससे उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। कुछ यही हाल रीना का है इनका भी कार्ड नहीं बनने से राशन से वंचित हैं। ---
बोले राशन विक्रेता
राशन विक्रेता धर्मेंद्र का कहना है कि गांव के सभी कार्ड धारकों को समय पर यूनिट के अनुसार चावल व गेंहू का वितरण किया जा रहा है साथ ही केरोसिन भी समय पर वितरित किया जाता है। उन्होंने केरोसिन न देने के आरोप को निराधार बताया। दूसरे विक्रेता मंजू के पति पप्पू कहते हैं कि सभी पात्रों को समय पर राशन वितरित किया जा रहा है।