नौवें दिन उत्तम अ¨कचन धर्म अंगीकार किया
बड़ौत (बागपत) : दशलक्षण पर्व के नौवें दिन श्री 1008 अजितनाथ दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर मंडी में दश
बड़ौत (बागपत) : दशलक्षण पर्व के नौवें दिन श्री 1008 अजितनाथ दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर मंडी में दशलक्षण महामंडल विधान का पूजन करते हुए उत्तम अ¨कचन धर्म अंगीकार किया गया। यहां मुनि श्री सूरतन सागर जी महाराज ने कहा कि अ¨कचन धर्म आत्मा की उस दशा का नाम है, जहां पर बाहरी सब छूट जाता है, लेकिन आंतरिक संकल्प और विकल्पों की परिणति को भी विश्राम मिल जाता है। वरदान जैन ने बताया कि रविवार को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में थाली चढ़ाई जाएगी।
दिगंबर जैन समाज समिति के तत्वाधान में चल रहे पर्यूषण पर्व पर दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, दिगंबर जैन छोटा मंदिर, पारस विहार पारसनाथ मंदिर, नेहरू मूर्ति दिगंबर जैन अतिथि भवन में नौवें दिन पर्व मनाया गया। मंदिरों में मंडल विधान की रचनाएं हुईं। शाम को दिगंबर जैन अतिथि भवन में भगवान की मंगलमय आरती संपन्न हुई। तेरहद्वीप विधान में अचलमेरु संबंधी समस्त अकृत्रिम जिन¨बब की वंदना करते हुए उनकी पूजा एवं अर्घ्य चढ़ाए गए।
दिगंबर जैन समाज समिति बड़ौत के अध्यक्ष प्रवीण जैन, मंत्री अतुल जैन सर्राफ, मेला संयोजक मनोज जैन मसाला, आलोक मित्तल, अंकुर जैन, प्रदीप जैन, प्रशासनिक प्रतिनिधि राजन जैन, आलोक सर्राफ, सुभाष जैन, पंकज जैन, मुकेश जैन, वीर बहादुर जैन, रमेश जैन,श्रेयांश जैन, नवीन जैन, धनेंद्र जैन आदि ने धर्मलाभ लिया। पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर नेहरू रोड पर तेरहद्वीप महामंडल विधान में प्रारंभिक क्रियाएं श्री जितेंद्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा व नित्यनियम पूजन किया गया। शाम को मंदिर में 108 दीपों से महाआरती की गई।
उधर, बिनौली में श्री दिगंबर जैन पुराना मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने उत्तम अकिंचन धर्म को अंगीकार किया। शाम को मंदिर मंच पर अभिषेक शास्त्री के निर्देशन में भक्ति, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं हुईं। श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर बिनौली व श्री चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र बरनावा में श्रद्धालुओं ने विधान किया।