भट्ठा स्वामियों के सम्मेलन में उठे विरोध के स्वर
छपरौली कस्बे में एनसीआर में ईंट भट्ठा मालिकों के महासम्मेलन में सभी 23 जिलों से प्रतिनिधियों में भाग लिया जिसमें भट्ठा उद्योग पर मंडरा रहे संकट पर विमर्श करते हुए आगामी आंदोलन की रणनीति बनाते हुए 10 दिसंबर को जंतर-मंतर पर विशाल धरना देने का निर्णय लिया।
बागपत, जेएनएन : छपरौली कस्बे में एनसीआर में ईंट भट्ठा मालिकों के सम्मेलन में भट्ठा उद्योग पर मंडरा रहे संकट पर विमर्श करते हुए आगामी आंदोलन की रणनीति बनाते हुए 10 दिसंबर को जंतर-मंतर पर धरना देने का निर्णय लिया गया।
मंगलवार को छपरौली के तिलक फार्म हाउस पर बागपत ईंट निर्माता संघ के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में राजस्थान के दो, उप्र के आठ हरियाणा के 13 जिलों से अखिल भारतीय भट्ठा संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने भाग लिया। सम्मेलन में एनटीजी के 15 नवंबर को जारी सभी भट्ठों को बंद कराने के आदेश का विरोध किया। विशिष्ट अतिथि ऑल इंडिया भट्ठा संघ के पूर्व महामंत्री चौधरी रविद्र सिंह तेवतिया ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के ²ष्टिगत संघ ने पूर्व में ही एनसीआर में शामिल तीनों राज्यों में भट्ठों में फुंकाई का कार्य एक फरवरी 2020 से शुरू करने का निर्णय ले रखा है। फिलहाल सभी भट्ठों पर लेबर आ चुकी है तथा ईंट पथाई का कार्य प्रगति पर है। इस स्थिति में एनजीटी के आदेश का गलत अर्थ लगाते हुए अधिकारियों ने पथाई का कार्य भी बंद करा दिया है, जिससे सभी भट्ठा स्वामियों में रोष है। चेतावनी दी कि यदि एक फरवरी 2020 से भट्ठों की फुंकाई प्रक्रिया को सुचारू करने में अड़चन डाली गई तो आंदोलन किया जाएगा।
सम्मेलन में स्वच्छता प्रमाण पत्र की बाध्यता, फ्लाई ऐश के 25 प्रतिशत मिश्रण की बाध्यता को समाप्त करने और श्रमिक कानून में संशोधन करते हुए लाल ईंट पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई। चौधरी बख्तावर सिंह की अध्यक्षता व संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम राणा के संचालन में हुए सम्मेलन में उप्र ईंट निर्माता समिति के प्रदेशाध्यक्ष ओमबीर भाटी, सुरेंद्र सिंह, धूम सिंह चेयरमैन, योगेश, ब्रजमोहन गुप्ता, विनोद, धर्मेंद्र दहिया, महेश सरपंच, रामबीर सिंह, दीपक यादव, नरेश जैन, मुकेश शर्मा, विक्रम सिंह, नगीन गुप्ता, अजय जैन, वेदपाल सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, कुशलवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, जयकरण, रामकिशोर आदि ने भाग लिया।