दूसरे दिन भी बंद रहे बैंक, लोगों को हुई परेशानी
यूएफबीयू के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बड़ौत तहसील के सरकारी बैंकों में दूसरे दिन हड़ताल जारी रही। उधर एटीएम भी बंद रहने से ग्राहकों को नकदी के संकट का सामना करना पड़ा। लगातार दो दिन बैंक बंद रहने से करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ।
बागपत, जेएनएन। यूएफबीयू के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बड़ौत तहसील के सरकारी बैंकों में दूसरे दिन हड़ताल जारी रही। उधर, एटीएम भी बंद रहने से ग्राहकों को नकदी के संकट का सामना करना पड़ा। लगातार दो दिन बैंक बंद रहने से करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ।
शनिवार को प्रदर्शनकारी शहर की सिडिकेट बैंक की मुख्य शाखा पर एकत्रित हुए तथा सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। बैंकों में कामकाज बंद रहने से करोड़ों के चेक दूसरे दिन भी क्लीयर नहीं हो सके। बैंकों के एटीएम भी बंद रहे, जिससे लोगों नकदी के लिए भटकते रहे। बैंक यूनियन से जुड़े विक्रम सिंह आर्य ने बताया कि बैंकों में पिछले छह वर्षों में जो रिटायरमेंट हुए उनके सापेक्ष कोई भर्ती नहीं हुई, जबकि बैंकों में साढे़ तीन गुना लोड बढ़ा है। बैंकों के बढ़ रहे एनपीए लेवल से फाइनेशियल संकट पैदा हो गया है, जिसका बहाना बनाकर सरकार बैंकों को बेचना चाह रही है। चेतावनी दी कि सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर कामरेड कुलदीप, कामरेड सुनील कुमार, आजाद सिंह, राठी, सुनील कुमार, अतुल कुमार, सुमित, अर्जुन, बिजेंद्र, सचिन कुमार ,जादोराम आदि मौजूद रहे।