करोड़ों का लेन-देन ठप रहने से लोग हलकान
ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर भारत बंद का असर कामर्शिल बैंकों में दिखा। करीब 100 करोड़ रुपये का लेनदेन ठप रहा है। बागपत में सिडिकेट बैंक ओरियंटल बैंक केनरा बैंक आंध्रा बैंक सेंट्रल बैंक इंडियन बैंक कारपोरेशन बैंक और विजय बैंक आदि कामर्शियल बैंकों की शाखाओं में कर्मियों ने हड़ताल से तमाम बैंकिग कार्य ठप रहे। यानी डिपाजिट विड्राल और चेक क्लियरेंस आदि काम बंद रहने से हजारों लोगों को दिनभर झटका लगता रहा।
बागपत, जेएनएन। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर भारत बंद का असर कामर्शियल बैंकों में दिखा। इससे करीब 100 करोड़ रुपये का लेन-देन नहीं हो पाया। बागपत में सिडिकेट बैंक, ओरियंटल बैंक, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक, सेंट्रल बैंक, इंडियन बैंक, कारपोरेशन बैंक और विजय बैंक के कर्मियों ने हड़ताल की।
सिडिकेट बैंक में कई लोगों को कहते सुना कि रुपये जमा कर लीजिए, वरना घर लौटते समय किसी ने लूट लिए तो फिर कौन जिम्मेदार होगा? सर्वाधिक दिक्कत तो उन लोगों को उठानी पड़ी, जिन्हें रुपयों की सख्त जरूरत थी। जिनके पास एटीएम कार्ड थे, उन्हें कुछ राहत मिली, लेकिन जो लोग बैंक में लाइन में लगकर रुपये निकालते हैं, वे परेशान रहे। दोपहर होने से पहले ही एटीएम भी खाली हो गए, जिससे लोगों को दिक्कत हुई।
वहीं बैंक इंपलाइज यूनियन के नीरज, राजेश कुमार, अधीर कुमार और सचिन आदि कर्मियों ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आज कर्मचारी वर्ग हलकान है। बैंक कर्मियों ने 11वां वेतन समझौता करने, बैंकों में रिक्त पदों को भरने, बैंकों के डूबते कर्ज को सख्ती से वसूलने, बैंकों के विलय पर रोक लगाने की मांग की।
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रदीप बसंत थोराट ने कहा कि सहकारी बैंकों की सभी 17 शाखाओं के कर्मी हड़ताल में शामिल नहीं होने से वहां कार्य हुआ है। कामर्शियल बैंकों में हड़ताल होने से 70 से 100 करोड़ के बीच लेनदेन ठप रहा।