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'चलो खाता तो खुला', साढ़े तीन हजार मतदाताओं में से एक ने किया मतदान; अफसरों की खुशी का नहीं रहा ठिकाना

दूसरे जिलों या राज्यों में नौकरी करने वाले बागपत के मतदाताओं से मतदान कराने को कलक्ट्रेट में फैसिलिटेशन सेंटर खोला गया। नोडल अधिकारी तथा बाकी कर्मी मतदाताओं के आने का इंतजार करने लगे लेकिन दोपहर बाद तीन बजे तक कोई मतदाता मतदान करने नहीं आया। लेकिन उनके चेहरे तब खिल उठे जब बड़ौत निवासी अशोक कुमार ने मतदान करने पहुंचे।

By Jaheer Hasan Edited By: Aysha Sheikh Published: Fri, 19 Apr 2024 07:49 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 07:49 AM (IST)
खाता तो खुला... साढ़े तीन हजार मतदाताओं में से एक ने किया मतदान, अफसरों की खुशी का नहीं रहा ठिकाना

जागरण संवाददाता, बागपत। दूसरे जिलों या राज्यों में नौकरी करने वाले बागपत के मतदाताओं से मतदान कराने को कलक्ट्रेट में फैसिलिटेशन सेंटर खोला गया। दिनभर में 3,514 में से केवल एक मतदाता मतदान करने आया जिसे देख पोलिंग पार्टी के सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अनायास ही अधिकारी के मुंह से निकला कि चलो...खाता तो खुल गया।

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दूसरे जिलों तथा राज्यों में नौकरी करने वाले लोगों के लिए मतदान करने को 15 व 16 अप्रैल को गेटवे इंटरनेशनल स्कूल बागपत में तीन फैसिलिटेशन सेंटर खुले थे, लेकिन दोनों दिन कोई मतदान करने नहीं आया। अब इन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान करने को दूसरा मौका देने के लिए कलक्ट्रेट के डीएम न्यायिक कक्ष में फैसिलिटेशन सेंटर खोलकर शुक्रवार से मतदान प्रक्रिया शुरू कराई।

फैसिलिटेशन सेंटर के नोडल एवं जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव के नेतृत्व में पोलिंग पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार सुबह 9:30 बजे कोषागार से सभी 3515 मतदाताओं के लिए इतने ही पोस्ट बैलेट पेपर लेकर रिकार्ड में चढ़ाने व उनपर मुहर लगाने में पसीना बहाया। प्रात: 10 बजे मतदान के लिए सेंटर रेडी हो गया।

इंतजार करते रह गए नोडल अधिकारी व अन्य कर्मी

नोडल अधिकारी तथा बाकी कर्मी मतदाताओं के आने का इंतजार करने लगे लेकिन दोपहर बाद तीन बजे तक कोई मतदाता मतदान करने नहीं आया। लेकिन उनके चेहरे तब खिल उठे जब बड़ौत निवासी अशोक कुमार ने मतदान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे मेरठ में टीचर हैं इसलिए मतदान करने आए हैं। कागज देखने के बाद पोलिंग टीम ने उनके साथ काफी सम्मानजनक ढंग से पेश आई।

पोस्टल बैलेट से मतदान कराया। जैसे ही उन्होंने पर्दे की आड़ में पोस्टल बैलेट पेपर पर मुहर लगा मतदान कर उसे पेटिका में डाला वैसे ही नोडल अधिकारी के मुंह से निकला कि चलो मतदान करने का खाता तो खुल गया। अधिकारी और कर्मी ने उनके साथ फोटो खींचकर खुशी का इजहार किया।

लगे हाथ अशोक कुमार बोले कि यदि हम जैसे पढ़े लिखे लोग भी मतदान नहीं करेंगे तो लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा?  शाम पांच बजे तक भी कोई दूसरा मतदाता पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान करने के लिए नहीं आया। इसके बाद नोडल अधिकारी ने पोस्टल बैलेट पेपर तथा मत पेटिका को कड़ी सुरक्षा के बीच कोषागार में डबल लाक में रखवाई। बता दें कि पोस्टल बैलेट पेपर से 23 अप्रैल तक मतदान होगा।


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