घंटों बंद रही बागपत चीनी मिल
संवाद सूत्र रमाला बारिश के कारण गन्ना आपूर्ति न होने पर शुक्रवार देर रात सहकारी चीनी मिल रमाला नो केन हो गई जिससे चीनी मिल को लाखों रुपए की क्षति हो गई है। शनिवार शाम तक गन्ना आपूर्ति होने पर ही मिल चालू हो सकेगी। शुक्रवार दिन में रूक रूक कर हुई बारिश के कारण किसान सहकारी चीनी मिल में गन्ना नहीं ले गए। न ही क्रय केंद्रों से मिल में गन्ना आया। जिसके कारण शुक्रवार रात लगभग 12 बजे मिल नो केन हो गई। शनिवार दोपहर बाद तक भी मिल में पर्याप्त गन्ना नहीं आया था। प्रधान प्रबंधक आरबी राम ने बताया कि क्रय केंद्रों पर पानी भर गया जिस कारण वहां से गन्ने की आपूर्ति बाधित हो गई। साथ ही किसान भी मिल में गन्ना लेकर नही पहुंचे। जिस कारण मिल नो केन हो गई। शनिवार शाम तक मिल में गन्ना आपूर्ति होने पर मिल को दोबारा चालू कर दिया जाएगा। मिल बंद होने से दोबारा चालू करने के लिए लाखों रूपये खर्च कर स्टीम बनायी जाती है। --- विकास राजीव पंडित
बागपत, जेएनएन। गत दिवस हुई बारिश की मार सहकारी चीनी मिल बागपत पर पड़ी। गन्ना नहीं आने के कारण शनिवार की सुबह चीनी मिल बंद करनी पड़ी जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। चीनी मिल बंद करना तथा फिर चालू कराने में काफी खर्च आता हॅै। दरअसल क्रय केंद्रों पर बारिश का पानी भरने के कारण गत दिवस गन्ना ढुलाई नहीं हो सकी थी। बारिश के कारण किसान भी मिल में गन्ना लेकर नहीं आए हैं। मिल के प्रधान प्रबंधक एके जैन ने कहा कि गन्ना नहीं आने के कारण शनिवार की सुबह 10 बजे से दोपहर में एक बजे तक मिल बंद रही, लेकिन उसके बाद गन्ना मंगाकर पेराई शुरू करा दी गई है।
बारिश के कारण रमाला
रही मिल नो केन
संवाद सूत्र, रमाला: बारिश के कारण गन्ना आपूर्ति नहीं होने से शुक्रवार देर रात सहकारी चीनी मिल रमाला नो केन हो गई। इससे चीनी मिल को लाखों रुपये की हानि हो गई है। शनिवार शाम तक गन्ना आपूर्ति होने पर ही मिल चालू हो सकेगी।
शुक्रवार को दिन में रुक-रुककर हुई बारिश से किसान सहकारी चीनी मिल में गन्ना नहीं ले जा पाए। इस कारण शुक्रवार रात लगभग 12 बजे मिल नो केन हो गई। शनिवार दोपहर बाद तक भी मिल में पर्याप्त गन्ना नहीं आया था। प्रधान प्रबंधक आरबी राम ने बताया कि क्रय केंद्रों पर पानी भर गया, जिस कारण वहां से गन्ने की आपूर्ति बाधित हो गई। साथ ही किसान भी मिल में गन्ना लेकर नही पहुंचे। जिस कारण मिल नो केन हो गई। शनिवार शाम तक मिल में गन्ना आपूर्ति होने पर मिल को दोबारा चालू कर दिया जाएगा। मिल बंद होने से दोबारा चालू करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर स्टीम बनाई जाती है।