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डीएम के फोन से खुली अफसर के झूठे दावे की पोल

भरी सभा में आए एक फोन ने ऊर्जा निगम अफसर के झूठे दावे की ऐसी पोल खोली कि डीएम हैरान रह गईं। डीएम शकुंतला गौतम मंगलवार को विकासभवन में ऊर्जा निगम के अधिकारियों तथा दर्जनों इंजीनियरों की बैठक में बिजली आपूर्ति तथ वसूली की समीक्षा की। एसडीओ स्टोर ने डीएम से दावा किया कि एक अप्रैल 2019 से 24 फरवरी 2020 तक 2712 ट्रांसफार्मर खराब हुए जिन्हें समय से बदला गया। अब जिले में कोई ट्रांसफार्मर खराब नहीं है। इतना सुन डीएम खुश हो गईं लेकिन तभी डीएम के मोबाइल पर आई कॉल ने ऊर्जा निगम के उक्त दावे की जमीनी हकीकत बयां कर दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 12:33 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:12 AM (IST)
डीएम के फोन से खुली अफसर के झूठे दावे की पोल
डीएम के फोन से खुली अफसर के झूठे दावे की पोल

बागपत, जेएनएन। भरी सभा में आए एक फोन ने ऊर्जा निगम अफसर के झूठे दावे की ऐसी पोल खोली कि डीएम हैरान रह गई। डीएम शकुंतला गौतम मंगलवार को विकास भवन में ऊर्जा निगम के अधिकारियों और दर्जनों इंजीनियरों की बैठक में बिजली आपूर्ति और वसूली की समीक्षा की। एसडीओ स्टोर ने डीएम से दावा किया कि एक अप्रैल 2019 से 24 फरवरी 2020 तक 2712 ट्रांसफार्मर खराब हुए, जिन्हें समय से बदला गया। अब जिले में कोई ट्रांसफार्मर खराब नहीं है। इतना सुन डीएम खुश हो गई, लेकिन तभी डीएम के मोबाइल पर आई कॉल ने ऊर्जा निगम के उक्त दावे की जमीनी हकीकत बयां कर दी।

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कंडेरा गांव के किसी व्यक्ति ने डीएम से फोन पर शिकायत की कि कुछ दिन से उनके यहां प्राथमिक स्कूल नंबर दो के पास लगा ट्रांसफार्मर खराब है। एसडीओ से चार बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब फोन रिसीव करना बंद कर दिया। इस जमीनी सच को सुन डीएम हैरान रह गई। फिर एसडीओ से पूछताछ की तो वह बहाना बनाने लगे कि जूनियर इंजीनियर ने कागज बनाकर नहीं दिए। डीएम ने खिचाई कर पूछा कि आपका दावा एक पल नहीं ठहर पाया। अधीक्षण अभियंता को एसडीओ और जूनियर इंजीनियर को कठोर चेतावनी देने का निर्देश दिया। अधीक्षण अभियंता रणविजय सिंह ने एसडीओ को आज ही तत्काल खराब ट्रांसफार्मर बदलने का निर्देश दिया। वहीं, डीएम ने सिचाई तथा जल निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर जन समस्याओं का समय से निस्तारण का निर्देश दिया। सीडीओ पीसी जायसवाल भी मौजूद रहे।

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..और यह दावा भी निकला फुस

डीएम ने गांवों में उपभोक्ताओं को हर माह नियमित बिलों का वितरण नहीं होने पर नाराजगी जताई। तब ऊर्जा निगम अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा कि ऐसा नहीं है..उपभोक्ताओं के घर बिल पहुंच रहे हैं। इसी बीच भाकियू नेता इंद्रपाल सिंह निनाना कई किसानों के साथ अपनी समस्या लेकर डीएम के पास पहुंचे और कहने लगे कि हमारा बिजली कनेक्शन काट दिया। यदि ऊर्जा निगम समय बिल वितरण कराता तो कनेक्शन कटने की नौबत नहीं आती।

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शटडाउन में मौत होने पर होंगे जिम्मेदार

डीएम ने ऊर्जा निगम अधिकारियों को चेताया कि शटडाउन के दौरान बिजली चालू करने पर किसी व्यक्ति की मौत होने या झुलसने पर उसकी सीधी जिम्मेदारी ऊर्जा निगम की होगी। ऊर्जा निगम अधिकारी यह कहकर नहीं बच सकते कि संविदा कर्मी या आउट सोर्सिग कंपनी का कर्मी था, हमारा कर्मी नहीं। उनकी गलती से ऐसा हु़आ है। जर्जर तारों को बदलवाने, बिजली चोरी रोकने और जन शिकायतों का निस्तारण कराने का निर्देश दिया।

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छोटों की नहीं बड़ों की कटेगी बिजली

डीएम ने अधिकारियों को हिदायत दी कि बकाया वसूली पर छोटे बकायेदारों की नहीं बल्कि बड़े व प्रभावशाली लोगों की बिजली काटी जाएगी। कैंप लगाकर 29 फरवरी तक बकायेदारों को एकमुश्त छूट समाधान योजना का लाभ दें। अब तक 65497 बकायेदारों में से 36864 बकायेदारों ने 24 किस्तों में बकाया चुकाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर 16 करोड़ रुपये चुकाए हैं।


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