Move to Jagran APP

पारा बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल पर मंडराया संकट

पारा बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 09:38 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 09:38 PM (IST)
पारा बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल पर मंडराया संकट
पारा बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल पर मंडराया संकट

संवाद सहयोगी, बड़ौत (बागपत) : मौसम में बदलाव के चलते अप्रैल माह में मई-जून जैसी गर्मी पड़ रही है। पारा बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वातावरण में गर्मी बढ़ने से पछेती गेहूं की फसल समय से पहले ही पक जाएगी, जिससे उत्पादन में गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं।

loksabha election banner

बागपत जिले में करीब 55 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई की गई है। अगेती फसल 15 दिन में पक जाएगी, जबकि पछेती फसल में अभी 20 से 25 दिन का समय लगेगा। लेकिन मौसम धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। तापमान में तेजी आई है। इससे पछेती गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि गर्मी के कारण फसल समय से पहले पक जाएगी। बालियों में दाना पूरी तरह से बढ़ नहीं पाएगा। दाना पतला रह जाएगा। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी।

कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा के प्रभारी डॉ. गजेंद्र सिंह का कहना है कि गेहूं की बुआई के लिए उपयुक्त समय अक्तूबर और नवंबर को ही माना जाता है, लेकिन पश्चिम यूपी में गन्ना पर्ची विलंब से मिलने के चलते जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी तक गेहूं की फसल की बुआई की गई। इस बार मार्च से ही तेज गर्मी पड़नी शुरू हो गई थी, जिससे उत्पादन में गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं। किसान पछेती गेहूं फसल की सिचाई करें। इससे फसल में नमी बनी रहेगी। गर्मी का असर कम होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.