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स्कूलों में पशु, सड़कों पर बच्चे, अफसर बेपरवाह

बागपत: स्कूलों को बेसहारा पशुओं से मुक्त कराने में प्रशासन नाकाम है। सोमवार की सुबह जब बच्

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 11:05 PM (IST)
स्कूलों में पशु, सड़कों पर बच्चे, अफसर बेपरवाह

बागपत: स्कूलों को बेसहारा पशुओं से मुक्त कराने में प्रशासन नाकाम है। सोमवार की सुबह जब बच्चे और शिक्षक प्राथमिक स्कूल क्यामपुर में पहुंचे तो वहां 40 पशु मिले। शिक्षकों ने विभागीय अफसरान से बात की। तब तक बच्चे सड़क पर स्कूल खुलने के इंतजार में खड़े रहे। बाद में यहां से 15 पशुओं को गोशाला भेजा गया। यहां गत दिवस दो पशुओं की मौत हो चुकी है। दो पशु बीमार हैं।

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निबाली के प्राथमिक स्कूल नंबर दो में दो दिन से पशु भरे होने से यहां शिक्षकों को दूसरे स्कूल में बैठाकर बच्चों को पढ़ाना पड़ा। चार दिन से गाधी गांव के पंचायत घर में बंद बेसहारा पशुओं को सोमवार को एक निजी भवन में भेजा गया। गठीना के स्कूल में बेसहारा पशुओं से मुक्त किया गया। धनौरा सिल्वरनगर के स्कूल में 150 बेसहारा पशु भरे होने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई। प्रधान पति वीर ¨सह ने बताया कि सोमवार की दोपहर को बेसहारा पशुओं को फिर जंगल में छोड़ दिया गया। ।

ठंड में कांपते हैं बेजुबान

बागपत: स्कूल और पंचायत घरों में बंद किए गए बेसहारा पशुओं का हाल बेहद खराब है। एक चारा के नाम पर पराली डाली जा रही है दूसरे ठंड से बचाव को कोई इंतजाम नहीं। ऐसे में रातभर बेसहारा पशु ठंड से कांपते रहते हैं।

इन्होंने कहा..

बेसहारा पशुओं को गोशाला भिजवाने की व्यवस्था करा रहे हैं। मीतली में गोशाला का काम शुरू हो चुका। पशु चिकित्सक लगाए हैं।

पीसी जायसवाल, सीडीओ


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