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गन्ना सर्वे गलत किए जाने से नाराज किसान धरने पर बैठे

कांहड़ गांव में गन्ना सर्वे गलत किए जाने से नाराज किसानों ने गुरुवार को धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 11:32 PM (IST)
गन्ना सर्वे गलत किए जाने से नाराज किसान धरने पर बैठे
गन्ना सर्वे गलत किए जाने से नाराज किसान धरने पर बैठे

बागपत, जेएनएन। कांहड़ गांव में गन्ना सर्वे गलत किए जाने से नाराज किसानों ने गुरुवार को धरना शुरू कर दी। किसानों ने चेतावनी दी कि समस्या का समाधान न होने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।

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धरने पर बैठे किसानों में से एक किसान सूर्यप्रकाश ने भूखहड़ताल शुरू कर दी। किसानों का आरोप है कि गन्ना सर्वे गलत किया गया है। गन्ना सर्वे में खेतों की जो पैमाइश की है उस नापतौल के खेत मौके पर नहीं है। जिस किसान के पास पौधा गन्ना है, उसकी पर्ची पेड़ी गन्ना में लगा दी गई, जबकि जिसके पास पेड़ी गन्ना है, उसकी पर्ची पौधा गन्ना में लगा दी गई। इससे किसानों के सामने समय पर गेंहू बुआई करने की बड़ी समस्या बन रही है। बताया कि किसान राजबाला का बेसिक कोटा काटकर पर्ची कम कर दी गई। जगरोशन के खेत में पेड़ी गन्ना है, उसकी पर्ची पौधा दर्शाकर लगा दी गई। अब उसकी पर्ची मार्च माह में आएगी, जिससे किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पाएगा। इसकी शिकायत लेकर गन्ना समिति दौराला में जाते हैं तो वहां समस्या का समाधान नहीं कराया जाता। चेतावनी दी कि जब तक समस्या का समाधान नहीं कराया जाएगा तब तक धरना एवं भूख हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके पर सुधीर अहलावत, विनोद, जगरोशन, सुरेंद्र, निरंकार, राजवीर, सुभाष आदि मौजूद रहे। इस संबंध में दौराला गन्ना समिति सचिव प्रदीप कुमार यादव का कहना है कि किसान यदि लिखित में कोई शिकायत देते हैं, तो उनका समाधान अवश्य कराया जाएगा। किसानों की समस्याओं को लेकर 26 को महापंचायत होगी

कोताना रोड पर गुरुवार को किसान यूनियन की बैठक हुई, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध में एक साल चल रहे धरने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगें पूरी न होने पर नाराजगी जताई गई और किसानों की कई मांगों को लेकर 26 नवंबर को तहसील मुख्यालय पर महापंचायत करने का निर्णय लिया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में एक साल से धरना दिया जा रहा है, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं है। चीनी मिलें बकाया गन्ना भुगतान नहीं कर रही हैं। किसानों को आर्थिक परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में बिजली के दाम काफी कम है इन्हें कम किया जाना चाहिए। डेंगू हर रोज लोगों की जान ले रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग रोकने के उपाय नहीं कर रहा है। इस बीमारी पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए। तहसील में 26 नवंबर को होने वाली महापंचायत में इन्हीं मुद्दों पर विचार विमर्श कर आंदोलन की रणनीति तैयार होगी। किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी ब्रजपाल के आवास पर हुई बैठक की अध्यक्षता किसान नेता बलजौर सिंह व संचालन विक्रम आर्य ने किया। इस दौरान चौबीस खाप चौधरी सुभाष, चौधरी पुष्पेद्र सिंह, धीर सिंह तोमर, तेजपाल सिंह, नरेश, धर्मपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, डाक्टर कृपाल सिंह, सूबे, धर्मेंद्र आदि मौजूद रहे।


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