रालोद कार्यकर्ताओं पर प्रशासन ने कसा शिकंजा, मुचलका पाबंद होंगे
किसान आंदोलन के समर्थन में धरना-प्रदर्शन करने वाले रालोद कार्यकर्ताओं पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है।
जेएनएन, बागपत : किसान आंदोलन के समर्थन में धरना-प्रदर्शन करने वाले रालोद कार्यकर्ताओं पर प्रशासन ने शिकंजा कसते हुए उन्हें मुचलका पाबंद करने की कार्रवाई शुरू की है। इस संबंध में एसडीएम कोर्ट की तरफ से दर्जनों रालोद कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी का उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए गए। इस कार्रवाई से रालोद कार्यकर्ताओं में रोष है।
बड़ौत एसडीएम न्यायालय की तरफ से रविवार को दर्जनों रालोद कार्यकर्ताओं को शांति भंग करने के नोटिस जारी किए गए। पुलिस द्वारा नोटिस तामील कराते ही रालोद कार्यकर्ता भड़क गए। नोटिस में सोमवार को कोर्ट समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया। नोटिस में यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्षेत्र की शांति भंग करने की आशंका के मद्देनजर क्यों न उनसे एक साल तक शांति बनाए रखने का दो लाख की धनराशि का बंध पत्र और इतनी ही धनराशि की जमानतें प्रस्तुत करा ली जाए?
उधर, सोमवार को रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी के शहर स्थित प्रतिष्ठान पर रालोद कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रशासन की निरोधात्मक कार्रवाई पर रोष प्रकट किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक वीरपाल राठी ने कहा कि पूंजीपतियों की हितैषी भाजपा सरकार लगातार किसान विरोधी काम कर किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। नए-नए कृषि कानून किसानों पर थोपे जा रहे हैं। रालोद इससे कतई बर्दास्त नहीं करेगा। उन्होंने प्रशासन पर भाजपा का कार्यकर्ता बनकर कार्य करने का आरोप लगाया। इस अवसर पर इरफान मलिक, प्रदीप तोमर, सचिन तोमर, हाजी अय्यूब, सत्तार मुल्तानी, इशाक खान शामिल रहे।
जनप्रतिनिधियों को सौंपे जाएंगे शिक्षक समस्याओं के ज्ञापन
बागपत : माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य वीरेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षक संघ 30 दिसंबर को प्रदेश भर में अभियान चलाकर शिक्षकों की मांगों के ज्ञापन विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को सौंपेंगे।
लखनऊ में राज्य कार्यकारणी में प्रतिभाग कर लौटे वीरेंद्र सिंह सोमवार को अपने शहर स्थित आवास पर प्रेस वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन, राज्य कर्मचारियों की भांति निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा, केंद्र सरकार द्वारा रोकी गई तीन महंगाई किस्तों को चालू करना, पारिवारिक प्रोत्साहन भत्ता तथा सामूहिक बीमा योजना चालू करने जैसे मुख्य मुद्दे मांग पत्र में शामिल रहेंगे। इसके बाद 31 दिसंबर को कानपुर में शिक्षक संघ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इसमें लंबित समस्याओं पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षक संघ की जिला कार्यकारिणी का चुनाव 15 जनवरी तक कराए जाएंगे, ऐसा न होने पर तदर्थ समिति गठित कर दी जाएगी।