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फाइलों में नहीं मिले नियुक्ति प्रमाण पत्र, अभिलेख भी अधूरे

माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पर डीआइओएस कार्यालय में नियुक्ति पत्र नहीं मिले।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 11:47 PM (IST)
फाइलों में नहीं मिले नियुक्ति प्रमाण पत्र, अभिलेख भी अधूरे
फाइलों में नहीं मिले नियुक्ति प्रमाण पत्र, अभिलेख भी अधूरे

बागपत, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पर डीआइओएस कार्यालय स्तर पर गड़बड़ी पकड़ में आनी शुरू हो गई है। नियुक्ति का प्रमाण पत्र और सभी अभिलेख पत्रावली में मौजूद नहीं है। भरे प्रारूप में और जमा अभिलेखों में भी भिन्नता है। अब प्रधानाचार्यो को नोटिस जारी किए जाएंगे। ऐसे शिक्षकों से प्रमाणपत्र मांगे जाएंगे। सही दस्तावेज नहीं मिलने पर नियुक्ति फर्जी साबित होगी।

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दरअसल, जिले में 91 राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों के 877 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच चल रही है। खेकड़ा तहसील और राजकीय के सभी विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यता पता करने के लिए संबंधित विद्यालय, विश्वविद्यालय और तहसील को भेजे जा चुके है। इसके अलावा अभी तक दो विद्यालयों मे करीब 11 शिक्षक बिना नियुक्ति प्रमाणपत्र के नौकरी कर रहे है। उन्होंने कार्यालय में जो अभिलेख जमा किए हैं उसमें नियुक्त का प्रमाणपत्र नहीं लगा था। इसके अलावा करीब आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों के शिक्षकों ने विवरण स्पष्ट नहीं भरा और स्पष्ट अभिलेखों की छाया प्रतियां जमा नहीं की हैं। बागपत और बड़ौत तहसील के विद्यालयों से मिले अभिलेखों की कार्यालय स्तर पर जांच की गई तो ये गड़बड़ियां पकड़ में आई है। वहीं, पटल सहायक अभिनव तोमर ने बताया कि नियुक्ति के प्रमाणपत्र नहीं लगा रखे है, विवरण स्पष्ट नहीं है और लापरवाही पकड़ में आई है। संबंधित प्रधानाचार्यो को नोटिस जारी कर दस्तावेज मांगे जाएंगे। अगर नियुक्त के प्रमाणपत्र नहीं मिले तो ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। नहीं जमा की बीएड की डिग्री

करीब आधा दर्जन इंटरमीडिएट विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति सहायक अध्यापक पद पर हुई है, लेकिन उन्होंने बीएड की डिग्री जमा नहीं की है। संबंधित प्रधानाचार्यो को इससे अवगत कराया। शिक्षकों से बीएड की डिग्री मांगी गई है। तमिलनाडु विश्वविद्यालय का नहीं जिक्र

एक शिक्षक ने तमिलनाडु की यूनिवर्सिटी के प्रमाणपत्र जांच के लिए कार्यालय में जमा कराए हैं। जांच की गई तो प्रारूप में गड़बड़ी मिली। खुद को उत्तर प्रदेश का निवासी बताया, लेकिन तमिलनाडु का जिक्र नहीं किया। यह शिक्षक भी शक के दायरे में आए गए हैं।


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