कम फोर्स में सीएम का आदेश परवान चढ़ने पर होगी मुश्किल
बागपत: पुलिस सुधार के पैरोकार बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिसकर्मियों को दस दिन में एक अवकाश दे
बागपत: पुलिस सुधार के पैरोकार बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिसकर्मियों को दस दिन में एक अवकाश देने की घोषणा की है, लेकिन हकीकत में यह कवायद पूरी होना आसान नहीं है। अकेले बागपत की बात करें तो यहां सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की संख्या बेहद कम है और अपराध की भरमार। प्रत्येक दस दिन में भी अवकाश देने की प्रकिया शुरू हुई तो हर दिन दर्जनों सिपाही अवकाश पर रहेंगे और कानून व्यवस्था का ढांचा लड़खड़ा सकता है। ऐसे में स्टाफ बढ़ाना बहुत जरूरी है।
शायद ही कोई ऐसा दिन होता होगा जब चोरी, लूट, धमकी, दुष्कर्म, अपहरण, रंगदारी या हत्या में से कोई सा अपराध जिले में न होता हो। वेस्ट यूपी के अन्य जिलों के मुकाबले बागपत में अपराध भी ज्यादा होता है, जबकि पुलिस बल मानक के हिसाब से आधा ही तैनात है। यहां सिपाहियों की संख्या लगभग 614 है, जबकि मानक के अनुसार यह संख्या 1114 होनी चाहिए। सिपाही ही नहीं निरीक्षकों की संख्या भी कम है।
हालांकि जानकारों का कहना है कि जिस तरीके से सरकार ने छुट्टी देने का एलान किया है, उससे पुलिस की छुट्टी की राह आसान नहीं लग रही है। एएसपी अजीजुल हक ने बताया कि सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को यदि 10 दिन में छुट्टी मिलती है तो इसके लिए स्टॉफ की डिमांड की जाएगी।
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छुट्टी मिल जाए तो परिवार के साथ बिताएं
मुख्यमंत्री की घोषणा पर सिपाही से लेकर निरीक्षक तक का कहना है कि 10 दिन में एक छुट्टी से काफी राहत मिल जाएगी और एक दिन वह आराम करने के साथ-साथ परिवार के साथ भी रह भी सकेंगे। इससे मानसिक रूप से भी बेहतर महसूस करेंगे।
यह है तैनाती की वर्तमान स्थिति
-जनपद में वर्तमान में 614 सिपाही तैनात हैं जबकि 1114 सिपाही होने चाहिए।
-जनपद में 14 के सापेक्ष 12 निरीक्षक तैनात हैं।
-जनपद के ¨सघावली अहीर, छपरौली, बालैनी और बिनौली थाने में इंस्पेक्टर तैनात हैं। बड़ौत कोतवाली, बागपत कोतवाली, खेकड़ा, चांदीनगर, दोघट, रमाला थाने में एसओ तैनात हैं।