शासन को भेजी रिपोर्ट, बुखार से नहीं हुई एक भी मौत
जिले में बुखार का प्रकोप बना हुआ है और अभी तक तीन दर्जन से अधिक लोगों की बुखार की चपेट में आकर मौत भी हो चुकी है।
फोटो- 19 बीडीएन - 1 से 3 तक - फर्जी आंकड़ेबाजी करके अपनी पीठ थपथपा रहा स्वास्थ्य महकमा
- जिले में मिल चुके हैं फैल्सीपेरम मलेरिया के एक हजार 228 मरीज
- तीन दर्जन से अधिक लोगों की बुखार से हो चुकी है बुखार से मौत जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में बुखार का प्रकोप बना हुआ है और अभी तक तीन दर्जन से अधिक लोगों की बुखार की चपेट में आकर मौत भी हो चुकी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बुखार से एक मौत का भी जिक्र नहीं है।जबकि रिपोर्ट में संबंधित व्यक्ति को मलेरिया या फाल्सीपेरम मलेरिया की पुष्टि होती है, तो माना जाता है कि बुखार से मौत हुई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इन मरने वाले लोगों की जांच रिपोर्ट तक देखना उचित नहीं समझा। आंकड़ेबाजी करके शासन को गुमराह कर दिया है।
संक्रामक बीमारियों के दिन शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने चार ब्लाकों के 92 गांवों को चिह्नित कर वहां फागिग समेत डीडीटी का छिड़काव आदि किया जा रहा था। हालांकि जिला पंचायती राज विभाग की हीलाहवाली के चलते गांवों में सफाई व्यवस्था ध्वस्त रही और बारिश के साथ ही मच्छरों की संख्या में इजाफा होने लगा। अंत में वही हुआ जिसका कयास लगाया जा रहा था। बुखार से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक जारी है। कहीं झोलाछापों के इलाज के दौरान लोगों की जान गई तो कहीं बदायूं समेत बरेली के अस्पतालों में बुखार से लोगों की मौत हो चुकी है। फैक्ट फाइल
बुखार की रोकथाम को लगाई गईं टीमें - 36
जिलेभर में मिले मलेरिया के मरीज - 9194
फैल्सीपेरम मलेरिया से ग्रसित मरीज - 1228
बुखार से ग्रसित मरीज - एक लाख, 11 हजार 503
स्लाइड से हुई मरीजों जांचें - 80 हजार 158
किट से हुईं मरीजों की जांचें - 71 हजार 521
वर्जन ::
बुखार से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। हालांकि बीमारी का प्रकोप यहां ज्यादा है। लगातार टीमों को गांव-गांव भेजकर फीवर क्लीनिक लगवाए जा रहे हैं। दवाओं की कोई कमी नहीं है। सीएचसी-पीएचसी का मैं खुद निरीक्षण कर लापरवाही करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई कर रहा हूं। जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
- डॉ. मंजीत सिंह, प्रभारी सीएमओ
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