शिक्षिका ने समझा बेटियों का दर्द
बदायूं : कभी-कभी हम आसपास में घर के अंदर बेटियों पर हो रहे अत्याचार को देखते तो हैं मगर, उन बच्चियों
बदायूं : कभी-कभी हम आसपास में घर के अंदर बेटियों पर हो रहे अत्याचार को देखते तो हैं मगर, उन बच्चियों को द¨रदगी से निकालने के प्रयास नहीं करते। सोच रहती है कि उसके घर परिवार का मसला है हमें क्या? बस इसी सोच से बाहर निकलने की जरूरत है। कुछ अपने परिचितों को घर में खास मेहमानों की तरह रखते हैं लेकिन उनकी हरकतों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही कभी कभी घातक साबित होती है।
ऐसा ही इमोशनल अत्याचार का मामला शहर के एक घर में काफी समय तक चला। जहां पढ़ाई करने आए एक युवक को घर के खास सदस्य की तरह रखा और उसी ने उस घर की दो नाबालिग बेटियों पर ही गंदी नजरें गड़ा लीं। उसे जब भी मौका मिलता तो वह अश्लील हरकतें करने से नहीं चूकता था। चूंकि रिश्ते का वह मौसेरा भाई था इसलिए कोई ध्यान नहीं दे रहा था। एक दिन बेटियों के मां बाप बाहर गए तो घर का जिम्मा उसी युवक को दे गए। रात में सोते वक्त उसने बड़ी बेटी को हवस का शिकार बना लिया। चाकू की नोंक पर वह रात भर दोनों बहनों को धमकाता रहा। दहशत की वजह से पीड़िताएं आपबीती नहीं सुना पाई। स्कूल में हंसमुख स्वभाव की दोनों बहनें गुमशुम सी रहने लगीं। तब उनकी पीड़ा को उसी स्कूल की शिक्षिका ने भांपी और दोनों को अकेले में बुलाकर पूछा तो वह कुछ भी नहीं बोल रही थीं। शिक्षिका ने ज्यादा जोर दिया तो वह दोनों रो पड़ीं। इसके बाद उनके साथ हुए अन्याय को शिक्षिका समझ गई कि घर के अंदर या फिर कोई करीबी ही जुल्म कर रहा है। जब दोनों ने आपबीती सुनाई तो शिक्षिका हताश रह गई। उन्होंने तुरंत उनके माता पिता को बुलाया और सारी बात बताई। उन्हें सलाह दी कि सबसे पहले उस हैवान को जेल भिजवाए,ं इसके बाद बेटियों को बाहर कुछ दिन के लिए घुमाने ले जाएं। ताकि वह सदमे से बाहर निकल सकें। उन्होंने ऐसा ही किया और आज वह दोनों बेटियां शिक्षिका की सूझबूझ से अच्छी ¨जदगी जी रही हैं।