चारा-पानी का लिया गया सैंपल, बीमार गायों बचाने की जद्दोजहद
डीएम दिनेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए कि बीमार गायों को बचाने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।
संसू, कछला (बदायूं) : गोशाला में 25 गायों की मौत के बाद देर रात डीएम दिनेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए कि बीमार गायों को बचाने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। चारा और पानी का सैंपल भरवाया गया। छानबीन में पता चला कि जो घास गायों की खिलाई गई थी, वह पड़ोसी जिला कासगंज के सोरों से मंगवाई गई थी। कांची कुटी प्रजाति की यह घास ही पिछले 15 दिन से गाय खा रही थीं। रविवार रात अचानक गायों की धड़ाधड़ मौत होती चली गई।
15 दिन पहले से ही कासगंज से घास की सप्लाई शुरू हुई थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर घास में कोई जहर होता तो यह हादसा पहले ही हो चुका होता। जाहिर है कि किसी व्यक्ति ने घास को जहरीला किया था। फिर चाहें घास में जहर डाला गया हो या फिर गायों के पीने के पानी में जहर मिलाया गया हो। पुलिस ने भी वह स्थान देखा जहां इन गायों को पीने के लिए पानी रखा जाता है। पानी का सैंपल भी टीम ने लिया है। जबकि घास को भी प्रिजर्व किया गया है। ताकि जांच में यह पता लग सके कि जहर आखिर कहां से आया। पुलिस भी इसी जांच में जुटी है कि गोशाला के आसपास कौन लोग आए थे। इसके लिए आसपास इलाके के लोगों से भी रात में ही पूछताछ शुरू कर दी गई। डीएम ने कहा कि हर पहलू पर जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी मिलेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
दिनभर कछला में रहा प्रशासनिक अमला
कछला गंगा घाट पर 15 अक्टूबर को नमामि गंगे अभियान के तहत केंद्र सरकार की 21 सदस्यीय टीम निरीक्षण करने आ रही है। इसको देखते हुए डीएम दिनेश कुमार सिंह समेत पूरा प्रशासनिक अमला कछला की व्यवस्था दुरुस्त कराने की जुगत में लगा हुआ है। रविवार को भी डीएम, एडीएम समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी घंटों गंगा घाट पर सफाई अभियान चलाते दिखाई दिए। गोशाला में एक साथ 25 गायों की मौत हो जाने से प्रशासनिक अमले में भी खलबली मची हुई है। जिले में गोसंरक्षण पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जिलेभर में छह हजार से अधिक गोवंशीय पशुओं का संरक्षण किया जा रहा है। इस घटना से जिलेभर में चल रहे गोशालाओं का संचालन भी बड़ी चुनौती बन गया है।