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कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर पथराव और फाय¨रग

कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 12:11 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 12:11 AM (IST)
कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर पथराव और फाय¨रग
कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर पथराव और फाय¨रग

बिसौली : कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। दोनों पक्षों ने हवाई फाय¨रग भी की। मौके पर पहुंची पुलिस से भी महिलाओं की तीखी नोकझोंक हुई। मौके पर पहुंचे एसडीएम मु.अवैश ने दोनों पक्षों से बात कर मामला शांत कराया, फिलहाल इस विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है। नगर में ईदगाह के समीप एक कब्रिस्तान है। गुरूवार को शाम को गयासुद्दीन आदि पक्ष ने कब्रिस्तान पर नींव खोदनी शुरू कर दी। इस बात की भनक लगते ही मुहल्ला कौवा टोला निवासी कामिल आदि पक्ष के लोग मौके पर पहुंच गए। भारी संख्या में महिलाएं भी पहुंच गईं। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। ईंट पत्थर भी चले। हवाई फाय¨रग के बाद स्थिति बिगड़ गई। भीड़ खेतों में भागने लगी। इसी दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। महिलाओं और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई, इतना ही नहीं भीड़ ने पुलिस को दौड़ा दिया। विवाद की जानकारी होते ही कोतवाल ओपी गौतम फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लाठी लेकर भीड़ को दौड़ा दिया। एक घंटे तक यह विवाद चलता रहा। एसडीएम मु.अवैश और कानूनगो दुर्योधन ¨सह ने मौके पर जाकर दोनों पक्षों से बात की। देर शाम तक किसी भी पक्ष द्वारा थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई है। दोनों पक्षों के बीच में विवाद की स्थिति बनी हुई है। मौके पर पुलिस तैनात है।

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जमीन को लेकर कागज में हुआ खेल

कब्रिस्तान की जमीन को लेकर कागजी खेल हुआ। गाटा संख्या 613 में कब्रिस्तान 63 एरी दर्ज था। इस खेल में रकवा घटा कर 23 एरी कर दिया गया। इतना ही नहीं खसरा में तो कब्रिस्तान 23 एरी दर्ज है और खतौनी में गाटा संख्या 613 में सैफुद्दीन, गयासुद्दीन और कुतबुद्दीन का नाम दर्ज है। इसे कागजी खेल कहा जाए या फिर कोई से¨टग। खसरा और खतौनी अलग-अलग होना पूरे मामले को संदिग्ध बनाता है। इस बारे में एसडीएम मु.अवैश ने पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए कानूनगो दुर्योंधन ¨सह को जांच के आदेश दिया है। कब्रिस्तान पर निर्माण होगा तो दफन

गयासुद्दीन आदि का कहना है कि गाटा संख्या 613 में उनका नाम दर्ज है। इस जमीन पर उनके बुजुर्गों की कब्रें बनी हैं। ये कब्रें थोड़ी जगह पर बनी हैं, शेष पर वह निर्माण करना चाहते हैं। इस सबंध में ही न्यायालय ने आदेश दिया है। इधर कामिल पक्ष का कहना है कि यदि कब्रिस्तान पर किसी का कब्जा हो जाएगा तो फिर दफन कैसे करेंगे। कुल मिलाकर, मामला बड़ा है। चूंकि यह जमीन सड़क किनारे है, इसलिए इस पर भू-माफियाओं की निगाह है।

तीन दिन पूर्व भी इस जमीन पर कब्जा करने को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने दोनों पक्षों के दस लोगों के खिलाफ शांति भंग में दर्ज भी कर लिया। हर हाल में शांति बहाल रखी जाएगी। यदि किसी भी पक्ष की ओर से तहरीर आती है तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

- ओपी गौतम, कोतवाल


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