रैन बसेरों में ताले, रातभर ठिठुरते हैं तीमारदार
जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देते हुए जिला व महिला अस्पताल का उच्चीकरण किया जा रहा है।
बदायूं : जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देते हुए जिला व महिला अस्पताल का उच्चीकरण किया जा रहा है। वहीं यहां के जिम्मेदारों की मनमानी के चलते मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार सर्द रातों में सिर छिपाने के लिए यहां-वहां भटकते रहते हैं। क्योंकि यहां रैन बसेरे तो मौजूद हैं लेकिन उन्हें संचालित नहीं किया जा रहा। नतीजतन, मरीज को भर्ती कराने के बाद तीमारदार पूरी रात जमीन पर लेटकर और आसपास इलाके में टहलकर बिताते हैं।
जिला अस्पताल में हादसों में घायलों के अलावा बीमारियों से ग्रसित करीब 74 मरीज रविवार को अलग-अलग वार्डो में भर्ती हैं। मरीजों को तो बेड मिल जाता है और घर से मंगवाकर उन्हें गर्म कपड़े भी परिजन मुहैया करा देते हैं लेकिन तीमारदारों के ठहरने का यहां कोई प्रबंध नहीं किया गया है। ऐसे में रातभर तीमारदार यहां वहां भटकते रहते हैं। नींद आने पर जमीन पर ही सोकर किसी तरह रात बिताई जाती है। ताले में बंद हें गद्दे लिहाफ
- जिला अस्पताल के रैन बसेरे में लिहाफ गद्दे तो पड़े हैं लेकिन उसमें ताला लगा दिया गया है। ऐसे में सुविधाएं होने के बाद भी तीमारदारों को इस सुविधा का फायदा नहीं मिल पा रहा है। यहां एंबुलेंस स्टाफ का कब्जा
- जिला महिला अस्पताल में बने रैन बसेरे में एंबुलेंस 108 के स्टाफ ने कब्जा कर लिया है। यहां से ही एंबुलेंस का दफ्तर संचालित किया जा रहा है। तीमारदार अगर वहां पहुंच भी जाएं तो वहां उन्हें स्टाफ नहीं टिकने देता। वर्जन
तीमारदारों की सुविधा के लिए ही रैन बसेरे बनवाए गए हैं। अगर कहीं दिक्कत आ रही है तो उसे सुधार कराया जाएगा। तीमारदार हों या मरीज किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
डॉ. मंजीत ¨सह, प्रभारी सीएमओ