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रोजी-रोटी का इंतजाम करेगा प्रवासी राहत मित्र

मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रवासी राहत मित्र एप लांच किया गया है। इस एप पर हर प्रवासी की सूचना दर्ज की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 12:01 AM (IST)
रोजी-रोटी का इंतजाम करेगा प्रवासी राहत मित्र
रोजी-रोटी का इंतजाम करेगा प्रवासी राहत मित्र

जेएनएन, बदायूं: कोरोना आपदा की इस घड़ी में लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रवासी राहत मित्र एप लांच किया गया है। इस एप पर हर प्रवासी की सूचना दर्ज की जाएगी। इसके लिए जिले के 20 अधिकारी व कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये सौ लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। इनके माध्यम से शहर से लेकर गांव तक के प्रवासी मजदूरों की दक्षता के साथ उनका डाटा तैयार किया जाएगा। 60 तरह के रोजगार में जो जहां के लिए पात्र होगा वहां काम दिलाया जाएगा।

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प्रवासी मजदूरों को जिले में रोजगार मुहैया कराना बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष श्रमिक ट्रेन और बसों के माध्यम से जिले में 18804 प्रवासी कामगारों को जिले में लाया गया है। इनके अलावा एक लाख से अधिक प्रवासी निजी साधनों या पैदल चलकर घर पहुंचे हैं। सरकार ने सभी को जिले में ही रोजगार देने का वादा किया है, उसी दिशा में प्रवासी राहत मित्र एप पर काम शुरू हुआ है। मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रभारी राजस्व निरीक्षक नीरज कुमार सिंह, लेखपाल अमन कुमार सिंह, रमेश चंद्र, लालू प्रसाद यादव, अवनीश कुमार, दुर्गपाल सिंह, विवेक कुमार सक्सेना, संग्रह अमीन शमशेर सिंह गब्र्याल, नीरज सागर, विवेक विक्रम, सहायक अध्यापक पंकज कुमार, तनुज पटेल, मोहर सिंह, राजीव कुमार, अखिलेश, बुद्धपाल सिंह, अरविद दीक्षित, राकेश कुमार शर्मा के अलावा अनुदेशक नितिन कुमार, धर्मेंद्र कुमार को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है। डाटा कलेक्शन और फीडिग के लिए 80 और लोगों की ड्यूटी लगाई गई है, जिन्हें 26 मई को ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर काम शुरू करा दिया जाएगा। प्रवासी मजदूरों की जानकारी कर फीडिग के लिए हर तहसील के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड भी बना दिया गया है। प्रवासी कामगारों का डाटा तैयार हो जाने के बाद उन्हें उनकी योग्यता के हिसाब से काम मुहैया कराया जाएगा। प्रवासी मजदूरों को उनके कौशल के अनुरूप काम मुहैया कराने के लिए प्रवासी राहत मित्र एप पर काम शुरू करा दिया गया है। श्रमिकों का विस्तृत डाटा तैयार कराया जा रहा है। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक 60 तरह की स्किल है। श्रमिक की कुशलता के आधार पर उन्हें काम और स्व रोजगार के लिए संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। सभी प्रवासियों को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

- नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व


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