पुलिस को नहीं पता शहर में कितने किराएदार
शहर में कितने लोग किराए के घरों में रह रहे हैं और उनकी आय का स्त्रोत क्या है, यह पुलिस को नहीं पता।
बदायूं : शहर में कितने लोग किराए के घरों में रह रहे हैं और उनकी आय का स्त्रोत क्या है। इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है। जबकि किराएदारों के सत्यापन के लिए शासन स्तर से अभियान चलाने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। पुलिस अन्य कामों का हवाला देकर इस निर्देश को फाइलों में दबाए बैठी है। किराएदारों के सत्यापान के लिए शहर में अभियान चलाया जाना है। किराए पर मकान देने वालों को भी इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंचाना अनिवार्य किया जा चुका है।
बीट के सिपाहियों को ड्यूटी के दौरान ही अपने इलाके में आने वाले नए चेहरों की जानकारी जुटाना है। एक फार्म मकान मालिक को पुलिस की ओर से दिया जाएगा, जिसमें किराएदार का नाम, मूल पता और यहां रहने की वजह समेत आठ ¨बदुओं पर जानकारी देना होगी। मकान मालिकों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि किराएदार का बिना सत्यापन कराए उन्हें अपने घर में न ठहराएं।
यह हुईं प्रमुख घटनाएं
शहर में चेन स्ने¨चग गैंग का पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। इसमें खुलासा हुआ था कि स्नेचर कबूलपुरा इलाके में एक किराए के कमरे में ठहरकर घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। मकान मालिक को बताया कि वे छात्र हैं और पढ़ाई करने आए हैं। जबकि दिनभर घूमने के दौरान जहां मौका मिलता ये स्ने¨चग की घटना को अंजाम दे देते थे।अन्य कई घटनाएं भी ऐसी प्रकाश में आईं तो यह प्रक्रिया शुरू कराई गई थी। ताकि नए लोगों के आने के बाद संबंधित इलाके में आपराधिक घटनाएं बढ़ने पर उनकी निगरानी भी बढ़ाई जा सके।
वर्जन :: फोटो 8 बीडीएन 2 यह अभियान जल्द ही शुरू कराया जाएगा। खासकर शहरी इलाकों में इसकी ज्यादा जरूरत है। हालांकि फिलहाल में कोई ऐसी आपराधिक घटनाएं नहीं हुई हैं, फिर भी अहतियात के तौर पर इसे शुरू कराने का निर्देश दिया जाएगा।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी