घर-घर लक्ष्मी-गणेश की पूजा, सुख-समृद्धि की कामना
रोशनी का पर्व दीपावली जिलेभर में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई गई।
बदायूं : रोशनी का पर्व दीपावली जिलेभर में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई गई। शाम ढलते ही समूचा शहर जगमगा उठा। घरों में लक्ष्मी-गणेश का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। खुशी के इस त्योहार पर हर तरफ उल्लास दिखाई पड़ा। बच्चों और युवाओं ने बड़े-बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। घरों से लेकर सड़कों तक देर रात तक रौनक बनी रही। दस बजे के बाद आतिशबाजी रोकने के लिए पुलिस निगरानी तो करती रही, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।
घरों से लेकर बाजारों तक पंद्रह दिन से दीप पर्व की तैयारी चल रही थी। धनतेरस के उल्लास के साथ ही त्योहार शुरू हो गया था। छोटी दिवाली के दिन ही घर, बाजार और प्रतिष्ठान सजा दिए गए थे। जहां कमी रह गई थी वहां बुधवार दोपहर तक पूरी करके रोशनी का इंतजाम कर लिया गया था। शाम ढलते ही झालरों की झिलमिलाहट से शहर जगमग हो गया। इसके बाद घरों से लेकर प्रतिष्ठानों तक भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन किया गया। फिर मिलने-मिलाने और उपहार देने का क्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट ने आतिशबाजी के लिए रात आठ बजे से दस बजे तक का समय निर्धारित किया था, लेकिन इसका कहीं पालन नहीं किया गया। आधी रात तक आतिशबाजी होती रही। हालांकि पुलिस प्रमुख बाजारों और मुहल्लों में निगरानी करती रही, कोई बड़ा हादसा नहीं होने पाया। सोशल मीडिया में रही दीपावली की बूम
दीपावली की सोशल मीडिया में बूम रही। हर कोई अपने इष्ट मित्रों को दीपावली की शुभकामनाएं भेजता रहा। परिचितों और रिश्तेदार के साथ दीपावली पूजन और आतिशबाजी के फोटो भी शेयर किए गए। त्योहार मनाते हुए लोग अपना मोबाइल जरूर देखते जा रहे थे। चाइनीज झालरों का कम हुआ प्रयोग
प्रकाश पर्व पर चाइनीज झालरों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल का आह्वान किया जा रहा था। इस बार इसका अच्छा प्रभाव दिखाई दिया। बाजारों में चाइनीज झालरें कम दिखीं, वहीं लोगों ने स्वदेशी झालरों पर अधिक जोर दिया। अधिकांश घरों में स्वदेशी झालरें ही झिलमिलाती दिखीं।